प्रयागराज। पार्ट टाइम लेक्चरर डॉ. सुशील जोशी को वर्ष 2000 में गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज हमीरपुर स्थानांतरित कर दिया गया। यहां भी उन्हें एडहॉक नियुक्ति दी गई। याची ने नियमितीकरण के लिए आवेदन किया लेकिन उच्च शिक्षा निदेशक ने यह कहकर इनकार कर दिया कि याची निर्धारित योग्यता नहीं रखती है क्योंकि लेक्चरर पद के लिए इंटर व ग्रेजुएशन में औसत 55 प्रतिशत या दोनों में अलग-अलग 50-50 प्रतिशत अंक होने चाहिए। याची के इंटर में 50 व बीए में 45 प्रतिशत अंक हैं। याची के अधिवक्ता अरविंद कुमार सिंह की दलील थी कि 30 मार्च 1987 को जारी शासनादेश में सरकार ने न्यूनतम शैक्षिक अर्हता शिथिल कर दी थी। साथ ही न्यूनतम अंकों की आवश्यकता उन्हें नहीं है, जिन्होंने पीएचडी की है। याची ने 1986 में पीएचडी की डिग्री हासिल की। नियमितीकरण का दावा मंजूर न होने पर याची ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। कोर्ट के निर्देश के बावजूद पहले के आधार पर रद कर दिया गय था। इस दौरान मई 2019 में याची रिटायर हो गई। कोर्ट ने कहा कि 1997 के शासनादेश में स्पष्ट है कि एमए में 55, बीए में 45 प्रतिशत अंक नियमितीकरण के लिए अच्छी योग्यता मानी जाएगी।
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