प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित पीसीएस-2022 की प्रारंभिक परीक्षा में छह सवाल गलत पूछे गए और दो सवालों के हिंदी अनुवाद त्रुटिपूर्ण हैं। यह दावा परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने किया है और वे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) में अपनी आपत्ति दर्ज कराने जा रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि जैसे ही आयोग अनंतिम उत्तरकुंजी जारी करेगा, वे अपनी आपत्तियां दर्ज कराएंगे।
पीसीएस-2022 में की प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुए प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय समेत मोहम्मद रिजवी, अलका पांडेय, सुमित वर्मा, प्रेम सिंह रघुवंशी, आकांक्षा सिंह, अमित सिंह, गुलफाम अली, आशुतोष पांडेय आदि ने पीसीएस-2022 की प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए आधा दर्जन से अधिक सवालों पर आपत्ति की है और उन्हें अब अनंतिम उत्तरकुंजी जारी होने का इंतजार है, ताकि आयोग के समक्ष आधिकारिक रूप से आपत्ति दर्ज कराई जा सके।
हालांकि यूपीपीएससी एवं अन्य भर्ती संस्थाओं की ओर से पहले ही स्पष्ट कर दिया जाता है कि अगर हिंदी अनुवाद गलत होगा तो अंग्रेजी भाषा में पूछे गए सवाल ही सही माने जाएंगे। ऐसे में अनुवाद त्रुटिपूर्ण होने पर संशोधन की गुंजाइश नहीं है। बाकी के छह प्रश्नों पर अगर अभ्यर्थियों का दावा सही साबित होता है तो आयोग को सवाल संशोधित करने होेंगे।
अभ्यर्थियों ने इन सवालों के गलत होने का किया दावा
– सिरीज-ए के प्रश्न 46 में ‘काउंसलिंग ऑफ स्टेट्स’ का अनुवाद ‘राज्य विधान परिषदों’ किया गया है, जबकि यहां ‘राज्य सभा’ होना चाहिए।
– सीरीज-ए के प्रश्न 146 में ‘द यूनियन एंड इट्स टेरिटरी’ का अनुवाद ‘संघ और उसका कार्यक्षेत्र’ किया गया है, जबकि ‘संघ और उसका राज्यक्षेत्र’ होना चाहिए।
– सिरीज-ए के प्रश्न दो में पूछा गया है कि उत्तर प्रदेश में से कौन-सा वन्यजीव अभयारण्य 1975 में स्थापित किया गया था। विकल्पों में दिए गए अभयारण्यों में किसी की स्थापना वर्ष 1975 में नहीं हुई। साथ ही विकल्प-डी में दिया गया है रायपुर, जबकि इस नाम का कोई भी अभयारण्य उत्तर प्रदेश में नहीं है।
– प्रश्न संख्या 29 में ‘मानव विकास सूचकांक 2022’ के आधार पर देशों का अवरोही क्रम पूछा गया है, जबकि ‘मानव विकास सूचकांक 2022’ अभी जारी ही नहीं हुआ है। यह रिपोर्ट जून के अंत में जारी होने की संभावना है, जो वर्ष 2021-2022 की संयुक्त रिपोर्ट होगी।
– प्रश्न संख्या 41 में जैव आरक्षित क्षेत्रों को राज्यों से सुमेल करना है। सूची-2 में दिए गए राज्यों में उत्तर प्रदेश भी है जिसका सुमेल दिए गए किसी भी जैव आरक्षित क्षेत्र से नहीं है। इसके स्थान पर उत्तराखंड होना चाहिए तभी उसे नंदा देवी जैव आरक्षित क्षेत्र से सुमेलित किया जा सकता है।
– प्रश्न संख्या 64 (बेसिलस हीमोफिलस इंफ्लुएंजा कारक है-) के दो विकल्प ‘मैनिनजाइटिस’ और ‘निमोनिया’ सही हैं, जबकि एक विकल्प सही होना चाहिए।
– प्रश्न संख्या 91 में सूची-1 में दिए गए ग्रंथ ‘चतुर्दंडी प्रकाशिका’ के रचनाकार ‘वेंकटमखिन’ थे, जबकि सूची-2 में दिए गए रचनाकारों में इनके स्थान पर ‘वेंकटरमण’ दिया गया है, जो गलत है।
– प्रश्न संख्या 105 में कारा कुम मरुस्थल का देश पूछा गया है। इस मरुस्थल का बड़ा भाग (70 फीसदी से अधिक) तुर्कमेनिस्तान में विस्तारित है। इसका नवीनतम विस्तार कजाखस्तान के अरल क्षेत्र में भी हुआ है, जिसे वहां अरल कारा कुम के नाम से जाना जाता है। चूंकि विकल्पों में दोनों ही देश हैं, इसलिए यह प्रश्न मूल्यांकन से बाहर किए जाने योग्य है।
पीसीएस 2019 और 2020 में पूछे गए थे 38 गलत सवाल
आयोग ने पिछले दिनों पीसीएस-2019 और पीसीएस-2020 की संशोधित उत्तरकुंजी जारी की थी, जिसके अनुसार प्रारंभिक परीक्षाओं में 38 सवाल ऐसे पूछे गए थे, जिनके उत्तर संशोधित उत्तरकुंजी में बदले गए या पूरा सवाल ही हटा दिया गया। आयोग ने पीसीएस-2019 की प्रारंभिक परीक्षा के प्रथम प्रश्नपत्र दो प्रश्नों के उत्तर बदले थे और आठ प्रश्न डिलीट यानी हटा दिए थे। वहीं, द्वितीय प्रश्नपत्र में पांच सवालों को डिलीट करने के साथ पांच प्रश्नों के उत्तर भी बदले गए थे। इसके अलावा पीसीएस-2020 की प्रारंभिक परीक्षा के प्रथम प्रश्नपत्र में पांच प्रश्न डिलीट किए जाने के साथ सात प्रश्नों के उत्तर बदले गए थे और द्वितीय प्रश्नपत्र में तीन सवाल डिलीट किए गए थे एवं तीन के उत्तर बदले गए थे।