बस्ती। अब कक्षा एक से पहले आंगनबाड़ी व प्री-प्राइमरी की पढ़ाई अनिवार्य कर दी गई है। सोमवार को डीएम प्रियंका निरंजन ने मिशन प्रेरणा फेज-2 में निपुण भारत के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए टास्क फोर्स के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी बच्चे का प्रवेश कक्षा एक में सीधे तौर पर न किया जाए। इसके लिए पहले आंगनबाड़ी व प्री-प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई कराई जाए ताकि यहां से निकले हुए बच्चे का कक्षा एक में प्रवेश किया जा सके।
डीएम ने निर्देश दिया कि निपुण भारत मिशन के अंतर्गत वर्ष 2026-27 तक बाल वाटिका से कक्षा तीन के शत-प्रतिशत बच्चों में मूलभूत साक्षरता व संख्या ज्ञान का लक्ष्य प्राप्त किया जाना है। बताया कि शासनादेश के अनुसार बाल वाटिका में 5 से 6 वर्ष आयु के बच्चो में अक्षरों और संगत ध्वनियों को पहचानने की क्षमता होनी चाहिए। कक्षा एक में अर्थ के साथ पढ़ने की क्षमता होनी चाहिए। कक्षा दो में अर्थ के साथ पढ़ने व 45 से 60 शब्द प्रति मिनट प्रवाह के साथ पढ़ने की क्षमता विकसित की जाएगी। कक्षा तीन में अर्थ के साथ पढ़ लेने व न्यूनतम 60 शब्द प्रति मिनट प्रवाह के साथ पढ़ने की क्षमता विकसित की जाएगी। इस प्रकार की क्षमता विकसित हो जाने पर पूरा प्रदेश निपुण प्रदेश के रूप में जाना जाएगा।
सभी विद्यालयों में लाइब्रेरी की स्थापना कर दी गई है : बीएसए
जिला स्तरीय टास्क फोर्स के सदस्य सचिव और बेसिक शिक्षा अधिकारी जगदीश शुक्ला ने बताया कि जनपद के सभी विद्यालयों में लाइब्रेरी की स्थापना कर दी गई है। विद्यालयों की कक्षाओं को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक व प्रदेश स्तरीय कमेटी के सदस्य डॉ. सर्वेष्ट मिश्र ने निपुण भारत मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान टॉस्क फोर्स के सभी अधिकारी मौजूद रहे।