गोंडा। पर्यावरण संरक्षण के संदेश तो देंगे ही अब शैक्षिक संस्थान हरियाली से लहलहाएंगे। शासन की पहल से हर शैक्षिक संस्थान में वन क्षेत्र विकसित होंगे। प्राइमरी स्कूल से माध्यमिक स्कूलों में बाल वन को विकसित होगा, तो वहीं उच्च शिक्षा संस्थानों में युवा वन तैयार किए जाएंगे। पौधों की रखवाली और देखरेख में छात्रों का समूह तैयार होगा। जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार कहते हैं कि शैक्षिक संस्थानों में दस लाख के करीब छात्र हैं, वहां पर पौधरोपण से अधिक से अधिक लोगों में पर्यावरण संरक्षण की जागरूकता होगी। शैक्षिक संस्थानों को शासन की पहल को गंभीरता से लेना है।
जिले में इस बार 55 लाख 72 हजार 198 पौधरोपण का लक्ष्य है। इसके लिए हर विभाग को जिम्मेदारी दी गई है। हर पंचायत में 45- 45 पौधे लगाए जाने की पहल हो रही है। इसी के साथ ही अब जिले में बाल वन व युवा वन से स्कूलों और कालेजों को जोड़ने का अभियान शुरू हो रहा है। जिसमें 2611 परिषदीय स्कूलों में 30 हजार से अधिक पौधे लगाए जाएंगे। जहां बाल वन तैयार किया जाएगा। जिले के पांच सौ के करीब इंटर कालेजों में भी बाल वन तैयार किया जाना है। जिसमें भी 20 हजार से अधिक पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही जिले के 40 डिग्री कालेजों के साथ ही पॉलिटेक्निक, आईटीआई के साथ ही अन्य शैक्षिक संस्थानों में भी पौधे लगाए जाएंगे।
इन कॉलेजों में युवा वन बनाया जाना है। इसमें भी पांच हजार के करीब पौधे लगाए जांएगे। वहीं, 75 हजार पौधों से तीन हजार बाल व युवा वन तैयार किए जाएंगे। जिससे छात्रों में पौधरोपण के लिए जागरूकता तो आएगी, इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण पर जोर होगा। डीएम ने पौधरोपण के लिए सभी विभागों को जिम्मेदारी दी है और सात जुलाई तक पौधरोपण की रिपोर्ट मांगी है। साथ ही बाल व युवा वन तैयार किए जाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। (संवाद)
पौधरोपण अभियान से पंचायतों के साथ ही सभी विभागों की जिम्मेदारी दी गई है। शैक्षिक संस्थानों में बाल वन व युवा वन की पहल काफी बेहतर है। सभी संस्थान इसे समय से पूरा कराएं। डॉ. उज्जवल कुमार, जिलाधिकारी