राज्य परियोजना कार्यालय के निर्देशों की अनदेखी
लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में मरम्मत व अन्य कार्यों के लिए जारी होने वाली कंपोजिट ग्रांट के उपभोग में गड़बड़ी सामने आई है। बीते वित्तीय वर्ष में खर्च राशि की जांच में पता चला कि खर्च में गड़बड़ी की गई। गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद महानिदेशक सामने आने के बाद कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
इस संबंध में दिए गए निर्देश में उन्होंने सभी बीएसए को पत्र लिखा है कि कंपोजिट ग्रांट के सत्यापन में पता चला है कि इसके उपभोग के संबंध में निर्धारित रजिस्टर तैयार नहीं किया जा रहा ग्रांट की 10% राशि स्वच्छता पर व्यय नहीं की जा रही। व्यय विवरण दीवार पर पेंट कराने के निर्देशों का पालन नहीं हो रहा। रंगाई-पुताई भी मानक के अनुसार नहीं हो रही बिल वाउचर भी उपलब्ध नहीं है। इसलिए वर्ष 2022-23 की राशि को खर्च करने कार्ययोजना पहले से तैयार की जाए।
स्मार्ट क्लास वाली कक्षाओं में डबल लॉक, हों लोहे के गेट और खिड़कियों में मजबूत ग्रिल, आदेश जारी
जिन स्कूलों में स्मार्ट क्लास है वहां के दरवाजों और गेट में डबल इण्टरलॉक लगावाया जाएगा। खिड़कियों में मजबूत ग्रिल अनिवार्य रूप से लगाई जाएगी। कम्पोजिट ग्राण्ट का 10 फीसदी हिस्सा साफ-सफाई पर खर्च होगा। इस संबंध में बुधवार को महानिदेशक विजय किरन आनंद ने आदेश जारी कर दिया है।
अगले दो वर्षों में 50 हजार स्मार्ट क्लास लगनी प्रस्तावित हैं। इस वर्ष की कम्पोजिट ग्रांट का बजट जल्द ही जारी किया जाएगा। यह ग्रांट छात्र संख्या के आधार 12500 से एक लाख रुपये तक दी जाती है। स्मार्ट क्लास के लिए वार्षिक कार्ययोजना में प्रस्ताव भेजा गया है। इसलिए उसकी सुरक्षा के लिए स्मार्ट क्लास में लोहे का ग्रिल और कुण्डी लगवाई जाएगी।
स्कूलों में सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। हैण्ड पम्प या सबमर्सिबल पम्प के पास पक्का प्लेटफार्म व सोख्ता गड्ढा का निर्माण, ब्लैक बोर्ड, फर्श आदि के खर्च का आगणन किया जाए।