प्रयागराज। परिणाम में किसी प्रकार की धांधली से बचने के लिए ओएमआर शीट पर परीक्षा कराई जाने लगी है। ओएमआर का मूल्यांकन सीधे कम्प्यूटर स्कैनर से होता है। लेकिन इसके बावजूद परिणाम में कुछ अभ्यर्थियों को कम नंबर मिलना पूरे परिणाम पर सवाल खड़ा करता है। इसमें सीधे तौर पर कम्प्यूटर एजेंसी की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की परीक्षाओं पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। इससे पहले 68500 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के परिणाम में भी व्यापक गड़बड़ी सामने आई थी। अभ्यर्थी मूल्यांकन पर सवाल उठाने लगे थे। 31 अगस्त को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सोनिका देवी की कॉपी बदलने की पुष्टि होने के बाद अभ्यर्थियों का दावा सही साबित हो गया। अंकिता वर्मा को 122 की जगह 22 नंबर मिलने की पुष्टि हुई। दो अभ्यर्थियों के बिना परीक्षा दिए पास होने का खुलासा हुआ था।