ऐसे बच्चे जो मानसिक दिव्यांगता के कारण स्कूलों से दूर हैं, अब उन्हें शिक्षित किया जाएगा। इन बच्चों की तलाश कर डे केयर स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा। उन्हें पढ़ाया जाएगा। दिव्यांगजन कल्याण विभाग ने पहली बार ऐसे बच्चों के सर्वे का काम शुरू कर दिया है। प्रयास है कि जुलाई के पहले हफ्ते में इन बच्चों को प्रवेश दिलाकर शिक्षा से जोड़ा जाए। दिव्यांगजन कल्याण विभाग का ममता आश्रम कौड़िहार में संचालित है। इसमें करीब तीन दर्जन बच्चे रहते हैं। यहां डे केयर स्कूल में उन्हें पढ़ाया जाता है, लेकिन यहां उन्हीं बच्चों को शिक्षा दी जा रही है, जिनके सिर पर माता-पिता का साया नहीं है। इन बच्चों को यहीं हॉस्टल में रखा जाता है और पढ़ाया जाता है। अब इससे इतर ऐसे बच्चों की तलाश की जा रही है जो अपने माता-पिता के साथ रहते हैं। मानसिक दिव्यांगता के कारण इन्हें किसी स्कूल में प्रवेश नहीं मिल पाता।
केंद्रों से किया जा रहा है संपर्क : दिव्यांगजन कल्याण विभाग ऐसे केंद्रों से संपर्क कर रहा है, जहां पर इन बच्चों का उपचार होता है। इन बच्चों के बारे में जानकारी इनके अभिभावकों से संपर्क करने के बाद उन्हें प्रवेश दिया जाएगा।
पढ़ाने के लिए आते हैं विशेषज्ञ : ममता डे केयर स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष प्रकार के शिक्षक आते हैं। इनका अनुभव इन बच्चों को पढ़ाने का है और लगातार इनके साथ संपर्क करते हैं।
शहर के हुए तो चलाई जाएगी बस: सर्वे में अगर अधिकांश बच्चे शहर के हुए तो उन्हें बस लगाकर स्कूल तक पहुंचाने की सुविधा दी जाएगी। अगर बच्चे दूर के हुए तो एक निश्चित स्थान तक पहुंचाने के लिए माता-पिता से कहा जाएगा। इसके बाद विभाग की बस से उन्हें स्कूल तक पहुंचाया जाएगा।