अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती-2010 की सीबीआई जांच को चार साल पूरे हो गए हैं और इस दौरान भर्ती में धांधली का खुलासा भी हुआ, लेकिन किसी के खिलाफ अब तक कोई सीधी कार्रवाई नहीं की गई। प्रतियोगी छात्रों ने अब सीबीआई के निदेशक को पत्र भेजकर जांच शीघ्र पूरी करने के लिए एसआईटी के गठन की मांग की है।
सीबीआई ने चार साल पहले 19 जून 2018 को तत्कालीन मुख्य सचिव को पत्र भेजकर इस भर्ती की जांच की अनुमति देने का आग्रह किया था, जिसके बाद प्रदेश सरकार ने इस जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी थी। एपीएस भर्ती की प्रारंभिक जांच में ही सीबीआई को परीक्षा में धांधली से जुड़े कई सुबूत मिले थे, जिनके आधार पर सीबीआई ने तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक प्रभुनाथ के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की थी। हालांकि, इस भर्ती के तहत चयनित 223 अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश सचिवालय में कार्यरत हैं।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की ओर से सीबीआई को भेजे गए पत्र में दावा किया गया है कि सचिवालय में तैनात अभ्यर्थी कुछ वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ मिलकर जांच को प्रभावित कर रहे हैं। सीबीआई ने धांधली में शामिल होने की आशंका में कुछ लोकसेवकों के खिलाफ सीधी कार्रवाई के लिए शासन और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से अभियोजन की स्वीकृति भी मांगी है, लेकिन साल भर से फाइल अफसरों की मेज पर धूल फांक रही है।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने सीबीआई निदेशक को पत्र भेजकर कहा है कि अगर इसी गति से सीबीआई जांच चलती रही तो अगले 20 वर्षों में भी यह जांच पूरी होने वाली नहीं है, इसलिए सीबीआई के स्तर पर इसमें एसआईटी गठित करा कर एक निश्चित समय सीमा के भीतर जांच पूरी कराई जाए। उन्होंने इस संबंध में सीबीआई निदेशक से व्यक्तिगत रूप से मामले की समीक्षा करने का भी आग्रह किया है।
एपीएस भर्ती का विवादों से गहरा नाता
एपीएस भर्ती का विवादों से गहरा नाता है। एपीएस-2010 की भर्ती में धांधली के मामले में सीबीआई की ओर से एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने एपीएस-2013 की परीक्षा भी निरस्त कर दी। यह परीक्षा दोबारा कब होगी, इसका कोई अतापता नहीं। इस परीक्षा में शामिल तमाम अभ्यर्थी ओवरएज हो चुके हैं और उनके लिए भविष्य के रास्ते भी बंद हो चुके हैं।
नई भर्ती पर भी निर्णय नहीं ले सका आयोग
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को एपीएस के ढाई सौ रिक्त पदों का अधियाचन मिल चुका है और आयोग के पास इन पदों का अधियाचन चार वर्षों से पड़ा है। इसके बावजूद आयोग नई भर्ती नहीं निकाल रहा है। एपीएस भर्ती-2013 के अभ्यर्थी उमेश पांडेय समेत उनके कई साथ ओवरएज हो चुके हैं और मांग कर रहे हैं कि जब भी नई भर्ती निकाली जाए, ओवरएज अभ्यर्थियों को उसमें शामिल होने का मौका दिया जाए।