प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित सरकारी प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों की बदहाल स्थिति को सुधारने के लिए चल रहे ऑपरेशन कायाकल्प में सीतापुर समेत दर्जन भर जिले फिसड्डी मिले हैं। शासन ने इनके साथ ही अन्य सभी जिलों को शत प्रतिशत संतृप्त करने के निर्देश दिए हैं। यही नहीं राजपत्रित अधिकारियों द्वारा विद्यालयों को गोद लेने की रफ्तार बढ़ाने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षकों को व्यक्तिगत रुचि लेने के लिए कहा गया है।
साथ ही यू डायस पोर्टल पर डाटा एंट्री और आधार प्रमाणीकरण व नवीन आधार बनाने की कार्रवाई में धीमी गति पर चिंता जताते हुए रफ्तार बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कई अन्य योजनाओं व कार्यक्रमों को भी दुरुस्त करने के लिए कहा गया है। यही नहीं समीक्षा बैठक में बलिया व आगरा के न तो बीएसए मौजूद थे और न उनके प्रतिनिधि मौजूद थे। उनसे स्पष्टीकरण मांगकर शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिए गए।
समीक्षा में अहम विषय ऑपरेशन कायाकल्प में सामने आया कि इसके 19 पैरामीटर्स में प्रदेश में संतृप्तीकरण का औसत 81 फीसदी है, लेकिन इसमें सीतापुर का सबसे कम 66 फीसदी है। इसी तरह कुशीनगर, प्रतापगढ़, बांदा, उन्नाव, गोंडा, गोरखपुर, कन्नौज, मऊ, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़ व बलिया में 75 प्रतिशत से कम प्रगति है।
बैठक में असंतृप्त विद्यालयों की सूची जिलाधिकारी व सीडीओ को उपलब्ध न कराने के लिए अंबेडकरनगर, बाराबंकी, अयोध्या, फर्रुखाबाद, हमीरपुर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, मथुरा व उन्नाव के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से जवाब-तलब करते हुए जल्द सूचना देने को कहा गया। साथ ही ऑपरेशन कायाकल्प के पैरामीटर्स पूरे करने की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा करके पूरा कराने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा आईजीआरएस प्रकरणों का समय से निस्तारण करने के भी निर्देश दिए गए।
विद्यालय गोद लेने के लिए प्रयास करने के निर्देश
समीक्षा के दौरान पता चला कि प्रदेश में 2223 परिषदीय विद्यालयों को ही राजपत्रित अधिकारियों द्वारा गोद लिया गया है। इसलिए सभी बीएसए से कहा गया कि वह अधिकारियों के साथ ही जन प्रतिनिधियों, प्राइवेट संस्थाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं को विद्यालय गोद लेने के लिए प्रेरित करने को कहा गया है। साथ ही हर सप्ताह निदेशालय को सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं।
नए आधार बनवाने व प्रमाणीकरण में भी सीतापुर पिछड़ा
छात्र नामांकन व आधार प्रमाणीकरण की समीक्षा में पता चला कि विद्यालयों में छात्र-छात्राओं का नए सत्र में नामांकन का कुल लक्ष्य 2 करोड़ 10 लाख, 093 है। इसके सापेक्ष 1 करोड़ 77 लाख, 94 हजार 181 छात्रों का नामांकन हुआ है। इन बच्चों का आधार से सत्यापन होना है। इसलिए जिनका आधार है, उससे सत्यापन और जिनका नही है, उनका आधार बनवाकर सत्यापन किया जाना है। इस क्रम में नवीन नामांकन 32 लाख 12 हजार 699 का हुआ है। वहीं इसके सापेक्ष प्रदेश स्तर पर आधार सत्यापन का प्रतिशत 15.14 है।
आधार सत्यापन में सबसे खराब स्थिति बलिया में 5.78, मऊ में 5.99, मैनपुरी में 6.17, सिद्धार्थनगर में 6.71 व सोनभद्र में 6.76 प्रतिशत है। वहीं आधार प्रमाणीकरण व नया आधार बनवाने की दो प्रक्रियाओं में सीतापुर समेत चार जिले पिछड़े हैं। यानी सीतापुर की 42.02, खीरी की 43.69, रायबरेली की 45.97 व उन्नाव की 48.46 प्रतिशत प्रगति है। इसी तरह आधार किटें जो विद्यालयों को दी गई हैं, उनमें गौतमबुद्धनगर की 12.50, गोंडा की 21.88, अमरोहा की 25, कानपुर देहात की 25 व बलरामपुर की 27.78 प्रतिशत आधार किटें अक्रियाशील पाई गईं। सभी को क्रियाशील करने के निर्देश दिए गए।
यू डायस पोर्टल पर एंट्री भी धीमी
यू डायस पोर्टल पर विद्यालयों से संबंधित विवरण दर्ज करने में कई जिले फिसड्डी हैं। इनमें हरदोई से 0.83, फिरोजाबाद 2.41, आजमगढ़ 2.74, इटावा 2.87 व एटा से 3.07 प्रतिशत एंट्री ही की गई है। इसे भी दुरुस्त करने को कहा गया। वहीं समग्र शिक्षा की गतिविधियों को संपादित करने आदि के लिए संविदा पर प्रत्येक ब्लॉक में एमआईएस कोआर्डिनेटर रखने की कार्रवाई मात्र छह जिलों क्रमश: अंबेडकरनगर, महोबा, श्रावस्ती, सहारनपुर व मऊ में पूरी की गई है। बाकी 53 जिलों में चयन शून्य व 16 में आंशिक है। शून्य चयन वाले जिलों से स्पष्टीकरण मांगने के लिए कहा गया।
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