25 साल पहले जो विषय समाप्त, अब उसके शिक्षकों की भर्ती
प्रयागराज। प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में जो विषय 25 साल पहले समाप्त कर दिया गया, उसके शिक्षकों की भर्ती होने जा रही है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) के 4163 पदों के साथ टीजीटी जीव विज्ञान के 50 पदों के लिए आवेदन मांगे हैं। मजे की बात है कि 1998 में यूपी बोर्ड के हाईस्कूल के पाठ्यक्रम में जीव विज्ञान का विलय विज्ञान विषय में कर दिया गया था।
इसके बाद से यह अलग विषय के रूप में नहीं पढ़ाया जाता। चयन बोर्ड ने 2016 में विज्ञापित टीजीटी जीव विज्ञान के 304 पदों को 12 जुलाई 2018 को इसी आधार पर निरस्त कर दिया था कि जो विषय पढ़ाया नहीं जाता उसके शिक्षकों की भर्ती क्यों की जाए। लेकिन इन पदों के लिए आवेदन करने वाले यह कहते हुए हाईकोर्ट चले गए कि यूपी इंटरमीडिएट एक्ट 1921 में संशोधन किए बगैर गलत तरीके से भर्ती निरस्त कर दी गई। हाईकोर्ट के आदेश पर चयन बोर्ड को यह भर्ती करानी पड़ी। टीजीटी जीव विज्ञान के शिक्षकों को भी अन्य शिक्षकों की तरह तैनाती मिलेगी और चूंकि नियमावली के आधार पर भर्ती हो रही है इसलिए भविष्य में इनकी सेवा पर कोई अड़चन होने की आशंका भी नहीं है।
शिक्षक भर्ती
● माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने शिक्षक भर्ती को मांगे आवेदन।
● प्रशिक्षित स्नातक जीव विज्ञान के 50 पदों पर शुरू की भर्ती।
● 2016 में विज्ञापित इस विषय की भर्ती को 2018 में किया था निरस्त।
● चयन बोर्ड का तर्क था कि जब विषय पढ़ाते नहीं तो भर्ती क्यों करें।
● बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर करनी पड़ी थी जीव विज्ञान की भर्ती।
चार साल में नियमावली संशोधित नहीं कर सके
आश्चर्य की बात है कि बीते चार साल में चयन बोर्ड भर्ती नियमावली में संशोधन नहीं कर सका। बुधवार को जारी टीजीटी-पीजीटी भर्ती 2022 में फिर से टीजीटी जीव विज्ञान के 50 पदों पर आवेदन मांग लिए हैं। ऐसे में सवाल है कि जो विषय स्कूलों में पढ़ाया नहीं जा रहा उसकी भर्ती क्यों की जा रही है।
लाहौर के प्रमाणपत्र पर यूपी में शिक्षक की नौकरी
यूपी की शिक्षक भर्ती में लाहौर का प्रमाणपत्र तक मान्य है। चयन बोर्ड शिक्षकों की भर्ती के लिए यूपी इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 को मानता है। 100 साल पहले टीजीटी कला की भर्ती के लिए लाहौर के मेयो स्कूल ऑफ आर्ट्स की टीचर्स सीनियर सर्टिफिकेट परीक्षा मान्य थी जो अब तक नियमावली में चली आ रही है। इस भर्ती के लिए बीएफए और एमएफए जैसी उच्च शिक्षा लेने वाले अभ्यर्थियों को बाहर रखा गया है।
2020 की भर्ती में दोबारा मांगे गए थे आवेदन
अक्तूबर 2020 में शिक्षकों के 15 हजार से अधिक पदों पर शुरू हुई भर्ती में भी पहले टीजीटी जीव विज्ञान शामिल नहीं किया गया था। लेकिन अभ्यर्थियों की आपत्ति पर चयन बोर्ड को पुराना विज्ञापन निरस्त कर नए सिरे से टीजीटी जीव विज्ञान के रिक्त पदों की सूचना मंगानी पड़ी थी। जिलों से प्राप्त 735 पदों को विज्ञापन में शामिल कर दोबारा आवेदन लेकर भर्ती पूरी की गई थी।