देवरियाबाजार (अंबेडकरनगर): स्कूल चलो अभियान की उम्मीदों को साकार करने की राह पर निकला बचपन कीचड़ में फंस गया है। बस्ता, ड्रेस, किताब और एमडीएम मुफ्त देने के बाद विभाग के सामने यह मुसीबत खड़ी है। बेसिक शिक्षा विभाग इसका निवारण करने में नाकाम है।
विकास का दावा करने वालों को विकास खंड जहांगीरगंज की ग्राम पंचायत अल्लीपुर बर्जी हकीकत का आईना दिखा रही है। यहां के प्राथमिक विद्यालय तक जाने वाले रास्ता सुगम नहीं होने से शिक्षकों एवं छात्रों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है। मानसूनी बारिश, सर्दी, गर्मी आदि प्रतिकूल मौसम के अलावा अनुकूल मौसम में भी बच्चे पानी व कीचड़ में घुसकर स्कूल जाते हैं। ऐसा भी नहीं कि यह कोई नई समस्या है। इस मुश्किल को सभी ने करीब से देखा है। बाइक आदि वाहन कीचड़ से आसानी से गुजरते हैं, लेकिन बच्चे कैसे जाएंगे, इसे किसी ने सोचा नही। रोजाना इसी रास्ते पर बच्चे गिरते-पड़ते स्कूल पहुंचते हैं। छात्रों को यहां से गुजरने के बाद स्कूल पहुंचने पर अपना हाथ-पैर धुलना पड़ता है। ड्रेस पर गंदगी लगी रहती है। कभी-कभार तो बच्चे इसमें गिरने से घर लौट जाते हैं। ज्यादातर बच्चे गरीबों के घर से आते हैं तो यह झेलना उनकी तकदीर बन गया है। वजह, इनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं दिखता। समस्या यहीं नहीं खत्म होती। यह रास्ता बच्चों के लिए खतरा बना है, लेकिन स्कूल के रास्ते के किनारे खड़ा सूखा पेड़ भी हादसे का सबब बना है। इससे कभी भी दुर्घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भोलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि पीडब्ल्यूडी और वन विभाग के अधिकारियों को अवगत कराते हुए इसका अविलंब निदान कराया जाएगा।