इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाल विकास अधिकारी संभल से पूछा है कि आंगनवाड़ी सहायिका खिरकवाडी़ रामनगर टप्पा वैश्य में समायोजित की जा सकती है या नहीं। कोर्ट ने बाल विकास अधिकारी से इस आदेश का पालन करने या 28 जुलाई को हाजिर होने का निर्देश दिया है। साथ ही याची को तबादले के स्थान आंगनवाड़ी केन्द्र मैदावलि में पांच दिन में कार्यभार ग्रहण कर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने सुशीला कुमारी की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अरविंद कुमार मिश्र ने बहस की। इनका कहना था कि याची की नियुक्ति संविदा पर की गई है और उसे पांच किमी दूर स्थानांतरित कर दिया गया है। बाल विकास परियोजना अधिकारी उसके नियुक्ति अधिकारी नहीं हैं और उन्हें तबादला करने का अधिकार नहीं है। ऐसे में उसे नियुक्ति केंद्र में ही समायोजित किया जाए।