(अमेठी)। जिले के 524 ऐसे परिषदीय स्कूलों में बाउंड्रीवॉल का निर्माण होगा जहां इनका अभाव है। बाउंड्रीवॉल का निर्माण होने से न सिर्फ इन स्कूलों में पढ़ने वाले नौनिहालों बल्कि तैनात शिक्षकों व कर्मियों को भी सुविधा व सुरक्षा मिलेगी। बाउंड्रीवॉल का निर्माण ग्राम पंचायतों को आवंटित राशि से होगा। निर्माण का शुभारंभ 20 जुलाई व लोकार्पण 15 अगस्त को होगा।
शैक्षिक सत्र 2019-20 में परिषदीय स्कूलों को अवस्थापना सुविधा से लैस करने के लिए कायाकल्प योजना शुरू की गई थी। चरणबद्ध तरीके से ग्राम पंचायतों को आवंटित राशि से स्कूलों को विकास व सुविधा के निर्धारित 19 बिंदुओं पर संतृप्त किया जा रहा है।
पिछले दिनों डीएम राकेश कुमार मिश्र ने कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों को शिक्षित करने के लिए जिले में संचालित 1139 प्राथमिक, 234 उच्च प्राथमिक स्कूल, 197 कंपोजिट स्कूल में समीक्षा की। समीक्षा के दौरान ऑपरेशन कायाकल्प संचालित होने के बावजूद स्कूलों में अवस्थापना सुविधा की कमी पता चली। बैठक में ही प्रशासन ने तय किया कि जितने विद्यालय बाउंड्रीवाल विहीन हैं सभी जगह इसका निर्माण किया जाएगा।
इसके लिए डीएम के निर्देश पर सीडीओ डॉ. अंकुर लाठर ने ग्राम पंचायतों को आवंटित राशि से बाउंड्रीवाल का निर्माण करने का निर्देश दिया है। बाउंड्रीवॉल के निर्माण कार्य के शुभारंभ की तिथि 20 जुलाई व निर्माण पूरा होने की डेडलाइन 30 जुलाई निर्धारित की गई है। 30 जुलाई तक बाउंड्रीवाल निर्माण पूरा नहीं होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
ब्लॉकवार बाउंड्रीवाल निर्माण का विवरण
अभियान में अमेठी ब्लॉक के 55, बहादुरपुर के 17, भादर के 42, भेटुआ के 25, गौरीगंज के 53, जगदीशपुर केे 50, मुसाफिरखाना के 46, संग्रामपुर के 52, शाहगढ़ के 28, शुकुल बाजार के 32, तिलोई के 45, सिंहपुर के 11 व जामो के 68 परिषदीय स्कूलों में बाउंड्रीवॉल का निर्माण होगा।
अब तक हो चुके यह कार्य
जिला समन्वयक निर्माण मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड ऑपरेशन कायाकल्प की सूचना के अनुसार 1520 स्कूल में पेयजल, 1436 में बालक प्रसाधन तो 1467 में बालिका प्रसाधन का निर्माण पूरा हो चुका है। 1326 स्कूलों के प्रसाधन जलापूर्ति से आच्छादित किये जा चुके हैं तो 1287 स्कूल के प्रसाधन में टाइल भी लगा चुका है। 113 स्कूलों में दिव्यांग बच्चों के लिए प्रसाधन भवन निर्मित कराया गया है। 1482 स्कूलों में मल्टीपल हैंड वॉशिंग क्रियाशील हो चुकी हैं। 1131 स्कूल के शिक्षण कक्षों में टाइल्स लगाई गई हैं तो 1556 स्कूल में ब्लैकबोर्ड का निर्माण हुआ है। 1503 स्कूलों में किचन शेड तो 1470 स्कूल में रैप व रेलिंग बन चुकी है। 1484 स्कूलों में बिजली कनेक्शन कराया गया है। 1486 स्कूलों में पेय जलापूर्ति योजना क्रियाशील है।
देनी होगी जीपीएस युक्त फोटो
बीएसए डॉ. अरविंद कुमार पाठक ने बताया कि कायाकल्प योजना से स्कूलों का सौंदर्यीकरण करने के साथ सुविधा से लैस किया जा रहा है। दस दिवसीय अभियान में मानक के अनुसार बाउंड्रीवाल निर्माण कार्य पूरा करने के बाद बीईओ/प्रधानाध्यापक को जीपीएस युक्त फोटोग्राफ्स देेनी होगी। बाउंड्रीवॉल निर्माण होने से नौनिहाल सुरक्षित होंगे तो स्कूल मवेशियों व नशेड़ियों का अड्डा बनने से बच सकेगा।
शिक्षा व पंचायत विभाग करेगा निगरानी
सीडीओ डॉ. अंकुर लाठर ने बताया कि निर्माण की निगरानी का प्रबंध किया गया है। मानक युक्त सामग्री का प्रयोग हो सके इसके लिए प्रधानाध्यापक व पंचायत सचिव की जिम्मेदारी तय की गई है। बीडीओ व बीईओ नियमित भ्रमण कर प्रयुक्त सामग्री के गुणवत्ता का परीक्षण करते हुए कार्य को पूरा कराएंगे। निर्माण कार्य की गुणवत्ता प्रभावित होने या समय से काम पूरा नहीं होने पर प्रधानाध्यापक, पंचायत सचिव, बीडीओ, एडीओ पंचायत व बीईओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।