स्वास्थ्य विभाग में तबादलों में हुई गड़बड़ी की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं। तमाम डॉक्टरों के दो-दो स्थानों पर किए गए तबादले निरस्त होने के बाद चार चिकित्सा अधिकारियों पर गाज गिरी है। सीएम योगी के निर्देश पर अपर निदेशक स्वास्थ्य प्रशासन डा. अशोक कुमार पांडेय, अपर निदेशक (पैरामेडिकल) डा. राकेश कुमार गुप्ता, संयुक्त निदेशक (पैरामेडिकल) डा. अरविंद कुमार वर्मा और प्रशासनिक अधिकारी मोहम्मद इस्माइल को निलंबित कर दिया है। इन पर स्वास्थ्यकर्मियों के निजी अनुरोध के नाम पर किए गए तबादलों में खेल का आरोप है।
यूं तो गलत तबादलों को लेकर विभिन्न विभागों में इन दिनों बवाल चल रहा है लेकिन इसकी शुरुआत स्वास्थ्य विभाग से हुई। खुद विभाग की कमान संभालने वाले उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने तबादलों पर सवाल उठाते हुए उन्हें नीति विरुद्ध बताया था। इसे लेकर पीएमएस एसोसिएशन के साथ ही स्वास्थ्य विभाग से जुड़े विभिन्न कर्मचारी संगठन भी मोर्चा खोले हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इसे लेकर नाराजगी जता चुके हैं।
सीएम ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति भी गठित की थी। इस समिति की आधिकारिक रिपोर्ट तो अभी नहीं आई है मगर स्वास्थ्य विभाग में गलतियां सुधारे जाने का सिलसिला धीरे-धीरे चल रहा है। इसी क्रम में सोमवार को शासन ने तीन चिकित्साधिकारियों और एक प्रशासनिक अधिकारी को निलंबित कर दिया गया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव रविंद्र द्वारा जारी आदेश में चार निलंबित अधिकारियों को महानिदेशक स्वास्थ्य कार्यालय से संबंद्ध किया गया है।
यह हैं आरोप
डा. राकेश कुमार गुप्ता (अपर निदेशक)-फार्मासिस्ट संवर्ग, ईसीजी टेक्नीशियन, प्रयोगशाला प्राविधिज्ञ एवं एक्स-रे टेक्नीशियन संवर्ग के कार्मिकों के निजी अनुरोध पर किए गए तबादलों में स्थानांतरण नीति के उल्लंघन और पूर्ण शुचिता का पालन न किए जाने का आरोप है।
डा. अशोक कुमार पांडेय (अपर निदेशक)-प्रयोगशाला सहायक संवर्ग के कार्मिकों का निजी अनुरोध पर किए गए तबादलों में स्थानांतण नीति का पालन न करने और गड़बड़ी का आरोप है।
डा. अरविंद कुमार वर्मा (संयुक्त निदेशक)-फार्मासिस्ट संवर्ग, ईसीजी टेक्नीशियन, प्रयोगशाला प्राविधिज्ञ एवं एक्स-रे टेक्नीशियन संवर्ग के निजी अनुरोध पर किए तबादलों में स्थानांतरण नीति के उल्लंघन और शुचिता का पालन न करने का आरोप है।
मोहम्मद इस्माइल (प्रसासनिक अधिकारी) महानिदेशालय द्वारा शासन को भेजी गई आख्या के परीक्षण के बाद महानिदेशालय स्तर पर विभिन्न संवर्ग के तबादलों में अनियमितताओं का आरोप।