परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की जांच में विभाग के जिम्मेदार लापरवाही बरत रहे हैं। एसटीएफ को समय से सूचना नहीं देने के कारण जांच प्रभावित हो रही है। इसके लिए बार-बार शासन से पत्र जारी हो रहा है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने 26 जून को रिमाइंडर भेजकर 30 जून तक हर हाल में संदिग्ध शिक्षकों के अभिलेख एसटीएफ को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद जिम्मेदार नहीं चेते। अब सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक ने गोरखपुर बस्ती मंडल के कुशीनगर को छोड़ सभी जिले के बीएसए को पत्र भेजा है और तत्काल अभिलेख उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्पेशल टास्क फोर्स लखनऊ ने आठ जून को प्रदेश के 33 जनपदों के बीएसए को पत्र के साथ ही संदिग्ध शिक्षकों की गोपनीय सूची भेजी थी। 33 जनपदों में गोरखपुर और बस्ती मंडल के देवरिया, गोरखपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, महाराजगंज और सिद्धार्थनगर शामिल हैं। इन छह जिलों में दर्जनों ऐसे संदिग्ध शिक्षक चिन्हित हुए हैं, जिनके मानव संपदा पोर्टल पर अंकित नाम, पिता का नाम और जन्मतिथि समान पाए गए हैं। ऐसे में ये शिक्षक, शिक्षिका संदिग्ध की श्रेणी में आ गए हैं। एसटीएफ ने ऐसे सभी शिक्षकों के समस्त अभिलेख के साथ मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र की प्रति तलब किया है। लेकिन पत्र जारी होने तक करीब एक महीने बाद तक अभिलेख एसटीएफ को नहीं भेजे गए हैं। इसका संज्ञान लेते हुए महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनन्द ने 26 जून को पत्र जारी करते हुए 30 जून तक एसटीएफ को अभिलेख भेजने का निर्देश दिया। लेकिन उसका भी जिम्मेदारों ने संज्ञान नहीं लिया है। अब सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक ने सभी छह जिलों के बीएसए को पत्र भेजकर कड़ी चेतावनी दी है। साथ ही उनसे तत्काल सूची में शामिल शिक्षकों के अभिलेख एसटीएफ को उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें भी अवगत कराने का निर्देश दिया है।
अभी कार्यभार ग्रहण किया हूं। जो भी सूचना मांगी गई है उसे वरीयता के आधार पर भेजवाया जाएगा। अभी तक क्यों नहीं भेजा गया इसकी भी जानकारी ली जाएगी।
अतुल कुमार तिवारी
बीएसए, संतकबीरनगर