लखनऊ। प्रदेश में तबादलों को लेकर चल रहे विवाद के बीच नया मामला सामने आया है। कैबिनेट से 14 जून को मंजूर तबादला नीति में कहा गया था कि समूह ख और ग के कार्मिकों के स्थानांतरण यथासंभव मेरिट बेस्ड ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम से किए जाएंगे। लेकिन 15 जून को मुख्य सचिव की ओर से जारी शासनादेश में इसका जिक्र तक नहीं किया गया। नतीजतन एक-दो को छोड़कर सभी विभागों ने ऑनलाइन तबादलों से दूरी बनाए रखी।
सभी विभागों के मंत्रियों, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव ने तबादली नीति पर जारी शासनादेश के आधार पर ही तबादले किए। वहीं, लघु सिंचाई विभाग सहित एक-दो विभागों में मेरिट बेस्ड ऑनलाइन तबादले हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग, पीडब्ल्यूडी सहित अन्य विभागों में तबादलों में जो गड़बड़ी सामने आई है वह समूह ख और ग के कार्मिकों में ही हुई है।
जानकारों का कहना है कि यदि मेरिट बेस्ड ऑनलाइन सिस्टम को अपनाया गया होता तो एक ही कार्मिक के दो जगह तबादले और मृतकों के तबादलों जैसी गड़बड़ी नहीं होती। बताया जाता है कि नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग की ओर से मेरिट बेस्ड ऑनलाइन तबादलों के लिए तीन माह से तैयारी की जा रही थी। इसे लेकर कई बार प्रस्तुतीकरण भी किया गया।