आपकी बात बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार पर क्यों नही लग पा रही? लगाम
मामला उत्तर प्रदेश के जनपद जौनपुर का जहाँ एक साल पहले 2009 से फ़र्ज़ी दस्तावेज पर नौकरी कर रही शिक्षका को बर्खास्त करते हुए आदेश में खण्ड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया था तुरंत एफआईआर दर्ज कराते हुए रिकबरी की जाये पर ऐसा नही हुआ रिकबरी तो दूर की बात एफआईआर तक दर्ज नही कराई गई ये सब खेल खेल रहा पटल सहायक बाबु विजय शंकर गौड़ जिसपर नही पड़ रही किसी भी अधिकारी की नजर आखिर ऐसा क्या है पटल सहायक बाबु में चार बार ट्रांसफर होने के बाद भी बीएसए नही कर रहे कार्यमुक्त पटल सहायक नही मानते महानिदेशक विजय किरन आनंद बेसिक का आदेश जब कि महानिदेशक के आदेश की उड़ाकर रख दी धज्जियां बीएसए जौनपुर नहीं कर रहे हैं विजय शंकर पटल सहायक को कार्य मुक्त
चिंताजनक बात यह है कि भ्रष्टाचार आए दिन नए-नए रेकॉर्ड बना रहा है। भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलने का प्रमुख कारण देशवासियों में जागरूकता की कमी है। लोग अपना काम निकलवाने के लिए लोग घूस दे देते हैं। भ्रष्ट अधिकारियों- कर्मचारियों की शिकायत करने से बचते हैं। इसमें भ्रष्ट नेताओं की भी प्रमुख भूमिका है। नेता सत्ता हथियाने के लिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं। बेहतर तो यह है कि सभी अफसर ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्य का पालन करें।
कड़ा दंड जरूरी
देश में हर जगह भ्रष्टाचार का बोलबाला है। इसके कम नहीं होने का सबसे बड़ा कारण नैतिकता का अभाव है। यदि भ्रष्टाचारियों को कठोर दंड देकर दंडित किया जाए, तो भ्रष्टाचार कम हो सकता है।
बर्खास्त किया जाए
भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर सरकारी कर्मचारी या अधिकारी को तुरन्त बर्खास्त करने का कानून बनाया जाए। जो भी सरकारी कार्मिक भ्रष्टाचार करे, उसे तुरंत बर्खास्त किया जाए, ताकि भविष्य में सभी को सबक मिल सके।मिले शीघ्र सजा
हर जगह पर भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। भ्रष्टाचार बढऩे का एक ही कारण है कि दोषी को समय पर सजा नहीं मिल पाती है। कई सालों तक भ्रष्टाचार के मुकदमे चलते रहते हैं। बेहतर तो यह है कि जो भी व्यक्ति भ्रष्टाचार के मामले में पकड़ा जाए, उस पर शीघ्र कार्रवाई कर 3 महीने के अंदर चालान पेश कर दिया जाए, जिससे कि भ्रष्टाचार करने वाले व्यक्ति को शीघ्र सजा मिल सके।नैतिक मूल्यों के प्रति दृढ़ता जरूरी
वर्तमान में भ्रष्टाचार की जड़ें व्यापक रूप से फैली हुई हैं। भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना सबकी जिम्मेदारी है। यदि लोग नैतिक मूल्यों के प्रति दृढ़ रहें, तो भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सकता है।जल्दी अमीर बनने की लालसा
समाज में यह धारणा मजबूत होती जा रही है कि वर्तमान में वही इंसान ईमानदार है, जिसको भ्रष्टाचार करने का मौका नहीं मिला। कमजोर मॉनिटरिंग और जल्दी से अमीर बनने की लालसासे लगातार भ्रष्टाचार बढ़ रहा है ।टोल फ्री नंबर जारी किया जाए
सभी शासकीय कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया जाना चाहिए और भ्रष्टाचार के मामलों पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए। भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों के लिए हर जिले में एक टोल फ्री नंबर जारी किया जाना चाहिए। शिकायतों का एक निश्चित समय सीमा में समाधान किया जाना चाहिए।हर कार्य की समयावधि तय हो
भ्रष्टाचार का मूल कारण किसी भी सरकारी कार्यालय में लगने वाला समय है। अगर सभी कार्यों के लिए एक समय अवधि निश्चित कर दी जाए तो बहुत हद तक भ्रष्टाचार से निजात मिल सकती हैसभी सुविधाएं छीन ली जाएं
भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लग पाने के अनेक कारण हंै। राजनीति और सरकारी विभागों से जुड़े लोगों की कथनी और करनी में बहुत भारी अंतर है। पैसा बनाने के लिए लोग भ्रष्टाचार करने लगते हैं। कानून का निष्पक्षता से पालन करवाने, डिजिटल तकनीक को और ज्यादा बढ़ाने, रंगे हाथ पकड़े जाने वालों से सभी सुविधाएं छीन लेनी चाहिए।बढ़ता ही जा रहा है भ्रष्टाचार
केंद्र व राज्य सरकारें भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कितने ही दावे क्यों न करें, तथ्य यह है कि भ्रष्टाचार पर पूरी तरह नकेल कसना आज भी बहुत कठिन प्रतीत होता है। यह बुराई इस कदर बढ़ चुकी है कि इसमें चपरासी से लेकर अधिकारी तक लिप्त पाए जा रहे हैं। भ्रष्टाचार के मामले में कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ताकि देश को दीमक की तरह खा रही इस बीमारी को खत्म किया जा सके।