उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़ों को देखते हुए महंगाई भत्ते में चार फीसदी बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। इसका लाभ जुलाई के वेतन से केंद्रीय एवं राज्य कर्मियों तथा पेंशनर्स को मिलेगा। औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पिछले वर्ष जुलाई में 354, अगस्त में 354, सितंबर में 355, अक्तूबर में 360, नवंबर में 365, दिसंबर में 361, इस वर्ष जनवरी में 360, फरवरी में 360, मार्च में 363, अप्रैल में 368 तथा मई में 372 अंक रहा।
वेतन एवं पेंशन निर्धारण के जानकार एजी ऑफिस से सेवानिवृत्त हरिशंकर तिवारी का कहना है कि जून में भी सूचकांक 372 रहता है तो कुल योग 4344 होगा। इस लिहाज से औसत सूचकांक 362 होगा। इस आधार पर जुलाई से 38.48 फीसदी महंगाई भत्ता बनता है। चूंकि महंगाई भत्ता पूर्णांक में ही दिए जाने का प्रावधान है। इस तरह से जुलाई से 38 फीसदी महंगाई भत्ता देय होगा। अभी 34 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है। ऐसे में जुलाई से महंगाई भत्ते में चार फीसदी की बढ़ोतरी संभावित है।
हरिशंकर तिवारी का कहना है कि जून के सूचकांक में यदि 17 अंक की बढ़ोतरी होती है तो महंगाई भत्ता में पांच फीसदी बढ़ोतरी होगी। वहीं 16 अंक कम होने पर तीन फीसदी की बढ़ोतरी होगी लेकिन दोनों ही स्थितियां होती नहीं दिख रहीं। ऐसे में जुलाई से महंगाई भत्ता में चार फीसदी की बढ़ोतरी तय मानी जा रही है।
यूपीटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष अनुराग सिंह का कहना है कि केंद्र्र एवं राज्य के करीब डेढ़ करोड़ कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को इसका लाभ होगा। अनुराग का कहना है कि महंगाई को देखते हुए जनवरी 2023 में भी चार या पांच फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है।