लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में मनचाही पोस्टिंग देने के लिए शिक्षकों को निलंबन का खेल चल रहा है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने इस तरह के मामले सामने आने पर सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से शिक्षकों के निलंबन के लंबित प्रकरणों पर रिपोर्ट तलब की है। मनचाही पोस्टिंग के लिए निलंबन के इस खेल की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय तक भी पहुंच चुकी है।
महानिदेशालय के संज्ञान में आया है कि परिषदीय शिक्षकों को मनचाही जगह पोस्टिंग के लिए पहले उन्हें निलंबित किया जाता है। फिर कुछ दिन बाद बहाल कर उनके पसंद के स्कूल में नियुक्ति दे दी जाती है। महानिदेशक विजय किरन ने इसे अक्षम्य अपराध माना है। उन्होंने साफ किया है कि भविष्य में ऐसे मामले सामने आए तो संबंधित शिक्षक, खंड शिक्षा अधिकारी और बीएसए के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पीएमओ कार्यालय तक पहुंच (पीएमओ) चुकी है शिकायत
शिक्षकों की मनचाही पोस्टिंग के लिए निलंबन के खेल की शिकायत प्रधानमंत्री तक पहुंच चुकी है। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन ने 2021 में बलरामपुर में बीएसए के खिलाफ पीएमओ तक शिकायत कर आरोप लगाया था कि वहां मनचाही पोस्टिंग के लिए शिक्षकों को पहले निलंबित किया जाता है। फिर, जांच में दोषमुक्त कर मनचाहे स्कूल में तैनाती दी जाती है। तुलसीपुर के भाजपा विधायक कैलाशनाथ शुक्ला ने भी मुख्यमंत्री से इस संबंध में शिकायत की थी। वर्ष 2020 में सहारनपुर में और रायबरेली में भी ऐसी शिकायतें सामने आई थीं।
निलंबित शिक्षकों के खिलाफ माह भर में पूरी करें कार्यवाही
महानिदेशक ने साफ किया है कि शिक्षक का निलंबन बहुत आवश्यक होने पर अंतिम विकल्प के रूप में ही किय जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि निलंबित शिक्षकों के खिलाफ विभागीय अनुशासनिक कार्यवाही को एक महीने की अवधि में पूरा किया जाए। अनुशासनिक कार्यवाही एक महीने में पूरी नहीं होने पर बीएसए और खंड शिक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। निलंबन बहाली के बाद शिक्षक को उन्हीं स्कूलों में तैनात किया जाए जहां पर शिक्षकों के सबसे अधिक पद रिक्त है।