चुनाव आयोग ने आधार डाटा लीक होने पर निर्वाचन अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
आयोग ने कहा कि मतदाताओं द्वारा आधार डाटा साझा करने के लिए भरे गए फॉर्म से कोई भी जानकारी लीक न होने पाए। मतदाता सूची में दो जगह मौजूद नामों को हटाने के लिए निर्वाचन आयोग ने आधार को मतदाता सूची से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके कुछ दिन बाद ही यह चेतावनी जारी की गई है।
आयोग ने इस बात पर भी जोर दिया कि मतदाताओं द्वारा आधार डाटा साझा करना ‘स्वैच्छिक’ है। चार जुलाई को सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को भेजे गए पत्र में चुनाव आयोग ने कहा है कि मतदाता पुनरीक्षण के लिए क्लस्टर स्तर पर विशेष शिविर आयोजित किए जा सकते हैं। यहां मतदाताओं को फॉर्म-6 बी में स्वेच्छा से अपना आधार नंबर देने के लिए राजी किया जा सकता है। ध्यान रहे कि यह आधार की फोटो कॉपी (हॉर्ड कॉपी) होगी।