लखनऊ : परिषदीय विद्यालयों के एक सप्ताह चले निरीक्षण अभियान में 3901 शिक्षक गायब मिले हैं, उन सभी के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। निरीक्षण अभियान 30 जुलाई तक चलता रहेगा। निरीक्षण में अधिकारियों का पक्षपात सामने आ गया है, क्योंकि छह माह में 69,591 यानी करीब आधे विद्यालयों का एक भी निरीक्षण नहीं किया गया है, साफ है कि अधिकारी चुनिंदा विद्यालयों में ही बार-बार निरीक्षण कर रहे हैं तब भी शिक्षक गायब मिल रहे हैं।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए), मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक व खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को कड़ा पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि जिलों, विकासखंडों की व्यवस्था में पारदर्शिता की कमी है, शिक्षकों का शोषण होने की निरंतर शिकायतें मिल रही हैं। इस संबंध में कई बार निर्देशित किया जा चुका है अब अंतिम चेतावनी दी जा रही है कि निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन करें अन्यथा कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहें। छह माह में 69,591 विद्यालयों का एक बार भी निरीक्षण न होने के दो ही कारण हो सकते हैं कि अधिकारी मुख्य मार्ग व उसके समीप के विद्यालय जाते हैं। साथ ही इन विद्यालयों का जानबूझकर निरीक्षण नहीं किया जाता ताकि शिक्षकों की अनुपस्थिति से धन उगाही की जा सके। इससे कार्यालय में भ्रष्टाचार होना दिखता है। सभी स्कूलों में प्रेरणा एप से निरीक्षण करें और उसकी फोटो अपलोड कराएं। निर्देश देने के बाद भी शिक्षकों का संबद्धीकरण बरकरार है इस संबंध में प्रमाणपत्र कार्यालय को नहीं भेजे गए दो दिन में संबद्धीकरण खत्म करने के प्रमाणपत्र नहीं आए तो माना जाएगा कि अधिकारी निर्देशों की अवहेलना कर रहे हैं। शिक्षकों का निलंबन करते हुए उनकी बहाली में अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही हैं। कितने शिक्षक निलंबित चल रहे हैं और निलंबित शिक्षकों को बहाल करने में अपनाई गई प्रक्रिया से अवगत कराया जाए। उन्होंने निर्देश दिया है कि शिक्षकों का एरियर भुगतान करने में देरी न की जाए पहले आने वाले को पहले भुगतान दिया जाए। यदि कहीं फर्जी शिक्षक कार्य कर रहे हैं तो तत्काल कार्रवाई करें। इसी तरह से कंपोजिट ग्रांट की धनराशि भेजी जा रही है इसका शत-प्रतिशत हस्तांतरण विद्यालयों को हो । इसमें किसी तरह की कटौती या देरी होने पर कार्रवाई होना तय है। जिन जिलों में इनका अनुपालन नहीं होगा वहां मुख्यालय से टीम भेजकर कार्रवाई कराई जाएगी।