ज्ञानपुर। जिले के कुछ स्कूलों में नियमों को दरकिनार कर जूनियर हेडमास्टर बन बैठे हैं जबकि सीनियर मास्टरी कर रहे हैं। एक, दो नहीं बल्कि छह से सात स्कूलों में यह स्थिति बनी है। इसको लेकर आए दिन विवाद की नौबत तक हो जाती है। पखवारे भर पूर्व बीएसए के आदेश को भी ठेंगा दिखाया जा रहा है।
जिले के 891 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय में दो लाख से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं। बच्चों को बेहतर पठन-पाठन के लिए चार हजार से अधिक शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशकों की तैनाती है। शासन के निर्देश पर सीनियर शिक्षकों को प्रधानाध्यापक बनाया जाता है, लेकिन जिले के कंपोजिट विद्यालय पिपरिस, उचेठा, कुकरौठी सहित करीब दर्जन भर स्कूलों में जूनियर शिक्षक इंचार्ज प्रधानाध्यापक बने हैं जबकि सीनियर शिक्षण कार्य कर रहे हैं।
इसको लेकर छह जुलाई को बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर 13 जुलाई तक सीनियर को हेडमास्टर बनाने का निर्देश दिया था, लेकिन खंड शिक्षा अधिकारियों के कृपा पात्र शिक्षक अब भी हेडमास्टर की कुर्सी पर जमे हैं। बीएसए ने कहा कि नियम विरुद्ध कोई प्रधानाध्यापक बना है तो गलत है। कुकरौठी में परिवर्तन हो गया है। मामले में बीईओ से बात की जाएगी।