प्रयागराज : सरप्लस बताकर राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को हटाने की तैयारी का शिक्षकों ने विरोध किया है। कहा है कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों की तरह छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों की तैनाती नहीं होती है, बल्कि प्रत्येक विषय के अलग-अलग शिक्षक होते हैं। ये शिक्षक विषय विशेषज्ञ के रूप में पढ़ाते हैं ।
यदि शिक्षकों को सरप्लस बताया गया तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षकों की तैनाती करने के माध्यमिक शिक्षा निदेशक के प्रस्ताव को पिछले दिनों शासन ने मंजूरी दे दी। इस आधार पर शिक्षकों का चिन्हांकन जल्द शुरू करके सरप्लस बताकर उन विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा, जहां कमी है। इसमें विद्यालयों में आवंटित विषयों के सापेक्ष छात्रों के अनुपात में जरूरी शिक्षक संख्या तय की जाएगी।