स्कूल के समय में यूनिफार्म पहने हुए विद्यार्थियों को पार्क, मॉल या रेस्टोरेंट में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यह निर्देश राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डा. शुचिता चतुर्वेदी ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिख कर दिया है। उन्होंने एक हफ्ते के भीतर कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट भी मांगी है। उन्होंने सभी डीएम को निर्देशित किया है कि आयोग के संज्ञान में आया है कि स्कूल के समय में विद्यार्थी स्कूल न जाकर इधर-उधर घूमने चले जाते हैं। यूनिफार्म में पार्क, मॉल, रेस्टोरेंट या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर देखे जाते हैं। ऐसी परिस्थितियों में अप्रिय घटना होने की संभावना बनी रहती है।
लिहाजा स्कूल के समय में जिले के सभी सार्वजनिक स्थानों पर छात्र छात्राओं का यूनिफार्म में प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए।
डा. शुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि इस आशय की सूचना सभी मॉल, पार्क, सिनेमाघरों, रेस्टोरेंट या अन्य सार्वजनिक स्थानों के प्रवेश द्वार पर चिपकाई जाएगी। सुरक्षाकर्मी या प्रवेश पर तैनात कर्मचारी यूनिफार्म पहने हुए विद्यार्थियों को प्रवेश करने से रोकेंगे।
इससे बच्चे स्कूल के समय में केवल स्कूल में ही पढ़ाई करेंगे। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए किसी भी तरह की अप्रिय घटनाओं से बचा जा सकेगा क्योंकि अक्सर देखने को मिलता है कि पार्क या ऐसी किसी जगह पर असामाजिक तत्व यूनिफार्म पहने हुए विद्यार्थियों को ब्लैकमेल करते हैं। कभी-कभी इसके परिणाम बहुत घातक होते हैं।
आपराधिक प्रवृत्ति वालों के निशाने पर होते हैं ऐसे बच्चे
दरअसल कई आयोग की कई बैठकों और कार्यशालाओं में बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा यह मुद्दा सामने आया। वहीं थानों में आने वाली शिकायतों से जानकारी मिली है कि यूनिफार्म में स्कूल टाइम में बाहर टहलने वाले बच्चे आपराधिक प्रवृत्ति रखने वाले लोगों के निशाने पर होते हैं। कई बार ब्लैकमेल की शिकायत भी आती हैं। चूंकि बच्चे स्कूल छोड़कर बाहर घूम रहे होते हैं तो वे भी डर के मारे अपने अभिभावकों को बता नहीं पाते। कई बार ऐसे में बच्चे इनके चंगुल में फंसकर गलत काम भी करने लगते है।