सिद्धार्थनगर।
बेसिक शिक्षा विभाग के मिठवल ब्लॉक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय सेहरी बुजुर्ग व बभनपुरवा से हेडमास्टर व तीन नदारद शिक्षिकाओं को लेकर बीईओ की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। विभाग ने माना है कि ब्लॉक क्षेत्र के बीईओ ने नदारद शिक्षिकाओं व शह देने वाले हेडमास्टर के बारे में बीएसए कार्यालय को कोई सूचना नहीं दी है। बीईओ की इस कार्यशैली से मिलीभगत का खेल या फिर विद्यालयों का दो सालों से निरीक्षण न करने जैसा प्रतीत होता है। विभाग बीईओ की कार्यशैली को संदिग्ध मानते हुए जांच कराने की तैयारी में है।
दरअसल, बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय को मिठवल ब्लॉक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय सेहरी बुजुर्ग, बभनपुरवा को दो साल से बंद होने की शिकायत मिली थी। इन दोनों विद्यालयों के साथ कंपोजिट विद्यालय बनकटा में धन के गबन का मामला भी प्रकाश में आया है। बीएसए ने 21 मार्च को तीनों विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान प्राथमिक विद्यालय सेहरी बुजुर्ग मौके पर बंद मिला था। इस विद्यालय को शिक्षामित्र के माध्यम से खुलवाने पर अभिलेखों के परीक्षण से पता चला कि शिक्षिका अनुपमा दुबे व दीपशिखा पिछले दो वर्षों से नदारद हैं। हेडमास्टर अरुण कुमार शुक्ल (निलंबित) भी विद्यालय नहीं आते हैं। जांच में पता चला कि हेडमास्टर दोनों अध्यापिकाओं का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर भुगतान करवा रहे थे। इसी तरह प्राथमिक विद्यालय बभनपुरवा गांव के ग्रामीणों ने भी विद्यालय के दो वर्ष से बंद होने की बीएसए को जानकारी दी और मौके पर भी विद्यालय बंद मिला। इस विद्यालय पर तैनात शिक्षिका निधि गुप्ता के भी दो वर्ष से विद्यालय न आने की जानकारी हुई, बावजूद प्रभारी हेडमास्टर अरुण कुमार शिक्षिका का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर उपस्थिति लॉक करते हुए वेतन भुगतान करवा रहे थे। विभाग ने विद्यालय बंद होने व दोनों विद्यालयों की तीनों शिक्षिकाओं का बिन सूचना नदारद रहने के बाद भी फर्जी हस्ताक्षर बनवाने के मामले में अरुण कुमार को मिलीभगत कर सरकारी धन के गबन अनियमितता का आरोप लगाया है, लेकिन अब बीईओ की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। विभाग हेडमास्टर व तीनों शिक्षिकाओं के नदारद रहने पर बीईओ की ओर से लापरवाही करने की बात कहते हुए बताया कि यह शिक्षक बीईओ की मिलीभगत से दो वर्षों से नदारद थे या फिर विद्यालयों का दो वर्ष में कभी निरीक्षण ही नहीं किया गया। इस मामले की जांच कराई जाएगी।
निरीक्षण होने पर रुक सकता था फर्जी भुगतान
विभाग का कहना है कि प्राथमिक विद्यालय बभनपुरवा बंद होने के बाद भी प्रभारी हेडमास्टर अरुण कुमार शुक्ल ने 189825 रुपये निकाला है। यह विद्यालय प्रबंध समिति के बैंक स्टेटमेंट से पता चला है। इसी विद्यालय पर एमडीएम का 123759 रुपये निकाला गया है। इसके अलावा कंपोजिट विद्यालय बनकटा में भी 98435 रुपये प्रभारी हेडमास्टर ने विद्यालय प्रबंध समिति के खाते से निकाल कर गबन-अनियमितता किया है। बीईओ व ब्लॉक के एआरपी समय-समय पर विद्यालय पहुंचे होते तो गबन को रोका जा सकता था।
मिठवल ब्लॉक क्षेत्र के दो विद्यालयों से तीन शिक्षिकाएं व हेडमास्टर दो वर्षों से नदारद थे। जांच में यह खुलासा हुआ है। बीईओ की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है। बीईओ के कार्यशैली की भी जांच कराई जाएगी।
देवेंद्र कुमार पांडेय, बीएसए