हेडमास्टर का कुर्ता पजामा पहनना DM को इतना बुरा लगा गया कि वह छात्रों के सामने ही हेडमास्टर से आपत्तिजनक भाषा में बात करने लगे. छात्रों और कैमरे के सामने ही डीएम, हेडमास्टर पर चिल्लाने भी लगे.
उनकी सैलरी रोकने से लेकर सस्पेंड करने तक की बात कर दी. इसका वीडियो वायरल होने के बाद कई IAS और IPS अधिकारियों ने भी ट्वीट कर DM पर कार्रवाई की मांग की है.
DM संजय कुमार सिंह ने दोहराया कि उन्होंने कुर्ते और गमछे की वजह से हेडमास्टर को डांटा. उन्होंने कहा कि उनके कुर्ते के कुछ बटन भी खुले थे. IAS ने कहा कि उन्होंने हेडमास्टर के कंधे से गमछा हटवाया भी. लेकिन उन्होंने कहा कि उनका इरादा गलत नहीं था. स्कूल में काफी खराब व्यवस्था थी. क्लासरूम में लाइट्स और फैन नहीं थे, जबकि हेडमास्टर के कमरे में लाइट और फैन लगे थे. हेडमास्टर खुद पढ़ा भी नहीं रहे थे, इन्हीं वजहों से उन्हें गुस्सा आ गया था.
दरअसल, बिहार के लखीसराय जिले के डीएम संजय कुमार सिंह, कन्या प्राथमिक विद्यालय बालगुदर का निरीक्षण करने पहुंचे थे. इसी दौरान स्कूल के प्रिंसिपल निर्भय कुमार सिंह के पहनावे को देख वह भड़क गए. यहां तक कि उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को फोन मिला दिया. उन्होंने प्रिंसिपल के पहनावे को ‘नेता टाइप’ बताया.
अब इस वीडियो को लगातार शेयर किया जा रहा है. मामले को लेकर 1985 बैच के IAS अधिकारी संजीव गुप्ता ने कहा- कोलोनियल मानसिकता के साथ ऐसा असभ्य व्यवहार करना एक सिविल सर्वेंट के लिए निंदनीय और अशोभनीय है. भारतीय पहनावे (ना कि काम) के लिए एक शिक्षक की आलोचना की जा रही है. आईआईटी कानपुर में कुछ शिक्षक और हम लोग पजामा/कुर्ता पहना करते थे. इस मामले को मैंने चीफ सेक्रेटरी तक पहुंचा दिया है.
IRTS संजय कुमार ने भी मामले पर ट्वीट कर डीएम के व्यवहार की निंदा की. उन्होंने लिखा- यह ऑफिसर जैसा व्यवहार नहीं है. एक लीडर कभी भी पब्लिकली अपने टीम मेंबर को नीचा नहीं दिखाता है. उनके साथ गरिमा और सम्मान के साथ पेश आएं. निंदनीय व्यवहार. इस तरह के दुर्व्यवहार कई लोगों को अच्छा लगता है, इसलिए वे लोग अपने साथ लाइव कवरेज के लिए रिपोर्ट्स को साथ ले जाते हैं. ताकि वे लोग खुद को सख्त और समझदार दिखा सकें.
IPS अरुण बोथरा ने लिखा था- क्या भारत में शिक्षकों के कुर्ता-पायजामा पहनने पर रोक है? क्या कुर्ता-पायजामा पहनने के जुर्म में शो कॉज और वेतन बंद करना उचित है? इस पर IPS अरुण ने भी अपनी तरफ से दो सवाल जोड़ दिए.
उन्होंने लिखा- एक बच्चे के तौर पर आप अपने सामने शिक्षक को अपमान होते देख कैसा महसूस करेंगे? सीनियर सरकारी ऑफिसरों के बीच टीवी क्रू के साथ ऑफिशियल निरीक्षण के लिए जाने का यह कैसा ट्रेंड है?
बिहार के संघर्षशील शिक्षक संघ ने वीडियो ट्वीट कर लिखा- अपमान करने की भी एक सीमा होती है. शिक्षक के जीवन को नर्क बना कर रख दिया है बिहार सरकार ने. अगर सरकार शिक्षकों का सम्मान वाकई में करती है तो इस DM पर कार्रवाई करने की जरूरत है, अन्यथा शिक्षा व्यवस्था सही होना मुश्किल है.
वीडियो को दिल्ली के बीजेपी के प्रवक्ता अजय सहरावत ने भी शेयर किया है. उन्होंने लिखा- कौन हैं ये घमंडी और बदतमीज DM, जिसे हिंदुस्तानी वेशभूषा से दिक्कत हैं और नेताओं से भी. वीडियो बनाकर इस तरह से टीचर को बेइज्जत करना क्या सही है?
कांग्रेस पार्टी के बिहार इकाई के अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने लिखा- उम्र में बड़े और औदे से शिक्षक को अगर एक सरकारी अधिकारी को सम्मान देने नहीं आता तो यह शर्म की बात है. और इस जनाब को यह किसने कह दिया कि “कुर्ता पजामा” सिर्फ़ जनप्रतिनिधियों का पहनावा है. पद से बड़े और व्यवहार में छोटे प्रतीत होते है डीएम साहब.
उम्र में बड़े और ओहदे से छोटे ऐसे डीएम को शिक्षक को अगर एक सरकारी अधिकारी को सम्मान देने नहीं आता तो यह शर्म की बात है । और इस जनाब को यह किसने कर दिए की “कुर्ता पजामा” सिर्फ़ जनप्रतिनिधियों का पहनावा है ।
डीएम का एक और वीडियो भी सामने आया है. इसमें वह स्कूल के एक स्टाफ पर भड़कते दिखते हैं. वीडियो को शेयर करते हुए Educators of Bihar नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया- कुर्ता पायजामा पहनने के जुर्म में वेतन बंद करने वाले डीएम साहेब पर ऑन ड्यूटी सरकारी कर्मी के साथ बेअदबी से बात करने के लिए भी करवाई होनी चाहिए
डीएम का एक और वीडियो भी सामने आया है. इसमें वह स्कूल के एक स्टाफ पर भड़कते दिखते हैं. वीडियो को शेयर करते हुए Educators of Bihar नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया- कुर्ता पायजामा पहनने के जुर्म में वेतन बंद करने वाले डीएम साहेब पर ऑन ड्यूटी सरकारी कर्मी के साथ बेअदबी से बात करने के लिए भी करवाई होनी चाहिए.
वहीं बिहार एजुकेशन डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी दीपक कुमार सिंह ने ट्वीट कर बताया है कि काम के बदले शिक्षकों को हर हाल में सैलरी मिलनी चाहिए. उन्होंने पटना हाई कोर्ट के आदेश के तहत सभी जिला पदाधिकारियों को निर्देश दिया है. उन्होंने लेटर की कॉपी ट्वीट की और लिखा- काम के बदले शिक्षकों की सैलरी ना रोकने के दिशानिर्देश. अगर कोई शिक्षक गड़बड़ी करते पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करें.