बहराइच। बेसिक स्कूलों में बेहतर शिक्षा देने के साथ ही बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए भी सरकार गंभीर हुई है। अब मिड डे मील की हांडी में फोर्टिफाइड चावल पकाया जाएगा। शुरुआती दौर में 2618 मीट्रिक टन चावल पंजाब से मंगाया गया है। यह चावल कुपोषण से बचाने के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
जिले में 2803 बेसिक स्कूल संचालित हो रहे हैं। इन स्कूलों में 5.71 लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यहां छह से लेकर 12 साल के बच्चे सर्वाधिक कुपोषण से प्रभावित पाए जा रहे हैं। इन बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के साथ ही सरकार कुपोषण से जीवन को बचाने के लिए भी बड़ा कदम उठा रही है।
स्कूलों में अब तक सामान्य चावल पकाकर मध्यान्ह भोजन में बच्चों को परोसा जा रहा था। अब पंजाब का फोर्टिफाइड चावल मध्यान्ह भोजन में शामिल किया गया है। 2618 मीट्रिक टन चावल की आपूर्ति हो चुकी है। यहां लगभग 8600 मीट्रिक टन चावल आएगा। स्कूलों में एक साथ तीन माह का फोर्टिफाइड चावल कोटेदारों के माध्यम से मुहैय्या कराया गया है।
यह है फोर्टिफाइड चावल:जिलापूर्ति अधिकारी अनंत प्रताप सिंह का कहना है कि फोर्टिफाइड राइस का मतलब है, पोषणयुक्त चावल। इसमें आयरन, विटामिन बी, फॉलिक एसिड जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं। इस चावल का सेवन करने वाले बच्चे कुपोषण का शिकार नहीं होंगे।
ऐसे तैयार होता फोर्टिफाइड चावल
डिप्टी आरएमओ संजीव सिंह बताते हैं कि फोर्टिफाइड चावल में जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्व, विटामिन और खनिज की मात्रा को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया जाता है। जिस तरह साधारण समुद्री नमक में आयोडीन मिलाकर उसे आयोडाइज्ड बनाया जाता है। चावल को फोर्टिफाइड बनाना भी इसी तरह की एक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में चावल की पोषण गुणवत्ता में सुधार लाया जाता है।
परिषदीय स्कूलों में सामान्य चावल के सापेक्ष 15 प्रतिशत फोर्टिफाइड राइस से एमडीएम बनाया जाएगा। यह सबसे बेहतर पोषण युक्त चावल है।
आर एन वर्मा, प्रबंधक, एफसीआई, बहराइच