एक विद्यालय में न्यूनतम तीन अध्यापक होंगे
जनपद के अंदर समायोजन ही होंगे, ट्रांसफर की भी संभावना है।
सरप्लस अध्यापकों के समायोजन में सबसे पहले वो सीनियर टीचर (जिनके विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करने से RTE 2009 के मानक में विचलन पैदा हुआ है, का वरिष्ठ से कनिष्ठ के अवरोही क्रम में) का ट्रांसफर/समायोजन होगा।
सरप्लस शिक्षक वाले विद्यालय से जो विद्यालय में पहले आया था, उसे पहले विकल्प मिलेगा।
पिछड़े ब्लॉकों से ट्रान्सफर की संभावना नगण्य, वहाँ सरप्लस शिक्षकों की संख्या पहले से ही नगणय है।
शासनादेश प्वाइंट 8 की भी व्याख्या सरप्लस में चिन्हित शिक्षक ध्यान दीजिए।
चिन्हित अर्थात जिनके पदस्थापन यानि आने से मानक का विचलन हुआ यानि कि कनिष्ठ शिक्षको को अवरोही क्रम में अर्थात डिसेंडिंग ऑर्डर में व्यवस्थित किया जाएगा।
यानि कि जो पहले आया है, वह सबसे ऊपर रखा जाएगा और फिर ऊपर की ओर से सरप्लस वरिष्ठ शिक्षको को रखते हुए लिस्ट बनेगी और लिस्ट में जो सबसे ऊपर है उनसे शुरुवात होगी समायोजन की ।
अर्थात सरप्लस चिन्हित शिक्षकों में FIRST IN FIRST OUT का सिद्धान्त लागू होगा।
◆म्यूच्यूअल ट्रांसफर का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
★30 अप्रैल, 2022 की छात्र संख्या को समायोजन का आधार बनाने से शिक्षकों के हित प्रभावित होंगे।
◆समायोजन प्रक्रिया में शिक्षा मित्रों को शिक्षक मानने की स्थिति स्पष्ट नहीं है।
■पहले से ही दूरस्थ ब्लॉकों में कार्यरत शिक्षकों को निकटतम ब्लॉक ट्रान्सफर की संभावना नगण्य हैं।
नोट:- शासनादेश को ध्यानपूर्वक पढ़ कर सार लिखा गया है लेकिन फिर भी कोई विसंगति हो तो मूल शासनादेश को ही आधार माना जाय
शेष……..
प्रस्तुति:—
अभय यादव, हरेश चौहान, लोकेंद्र चाहर
प्राथमिक शिक्षक-आगरा