नवाबगंज इलाके के परियावां में प्राथमिक विद्यालय की जमीन पर कब्जा कर संचालित किया जा रहा मदरसा प्रशासन ने बृहस्पतिवार को बुलडोजर लगाकर ढहवा दिया। कार्रवाई के दौरान प्राथमिक विद्यालय की दस बिस्वा जमीन मुक्त कराई गई। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।
नवाबगंज थाना क्षेत्र के परियावां में दारुल उलूम मदीनतुल इल्म के नाम से मदरसा का संचालन किया जा रहा था। ग्राम प्रधान ने एसडीएम को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया था कि गांव की प्राथमिक पाठशाला की दस बिस्वा जमीन पर कब्जा कर मदरसे का संचालन किया जा रहा है। तहसील प्रशासन ने प्रधान की शिकायत की जांच कराते हुए माप कराई। इसके बाद लेखपाल ने मदरसे के प्रबंधक जावेद आलम से अवैध कब्जा खाली करने के लिए कहा।
बावजूद इसके प्राथमिक स्कूल की जमीन खाली नहीं की गई। इस पर बृहस्पतिवार की दोपहर तहसीलदार भानु प्रताप सिंह भारी संख्या में पुलिस बल और राजस्व टीम लेकर मौके पर पहुंचे। इसके साथ ही जेसीबी से चिह्नित जमीन पर हुआ निर्माण व बाउंड्रीवाल ढहा दी। घंटों चली कार्रवाई के दौरान लोग छतों पर जमा रहे। मलबा हटाने के बाद प्रशासन वहां से चला आया। तनाव को देखते हुए वहां पुलिस की तैनाती की गई है।
वर्ष 2000 से हो रहा था संचालन
नवाबगंज थाना क्षेत्र के परियावां में दारुल उलूम मदीनतुल इल्म मदरसा की वर्ष 2000 में मान्यता ली गई थी। इसके बाद से मदरसा बढ़ता चला गया। मदरसे की मुख्य बिल्डिंग के अलावा भी चहारदीवारी बना ली गई। चहारदीवारी के साथ ही खपरैल के कमरे बनाए गए थे। इन कमरों को जेसीबी से ढहा दिया गया।
मुकदमे के बाद बदली नवैयत
दारुल उलूम मदीनतुल इल्म के पूर्व प्रबंधक का कहना है कि गांव की महरुन निशा कहीं से उड़ान चक लेकर आई थीं। चकबंदी के दौरान वह सड़क पर आना चाहती थीं। इसके चलते कुछ समय तक मुकदमा चला। उस समय इस दस बिस्वा विश्वा जमीन पर मदरसे का अधिकार था। चकबंदी के दौरान इसे प्राथमिक पाठशाला के नाम कर दिया गया। पुरानी खतौनी रखी है। उधर, तहसीलदार ने प्रधानपति को खाली जमीन पर बाउंड्री कराने का निर्देश दिया है।