तुलसीपुर। संवाददाता
प्रदेश सरकार के तमाम कवायद के बावजूद शिक्षा क्षेत्र में शिक्षकों की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। आए दिन शिक्षकों की मनमानी और दबंगई की बात सामने आती रहती है। नवनिहालो के जीवन के साथ खिलवाड़ करने की बात भी सामने आ रही है। जिम्मेदार शिक्षकों उनका भविष्य चौपट कर रहे है। इस भूमिका में विद्यालय से अनुदानित मदरसे भी पीछे नहीं हैं। उनमें भी शिक्षकों की मनमानी उजागर होती देखी जा रही है।
ऐसा ही एक मामला तुलसीपुर नगर के एक अनुदानित मदरसा दारुल उलूम अतिकीया जरवा रोड तुलसीपुर का है। जहां पर छात्र तो मिलते हैं लेकिन अधिकांश शिक्षक स्कूल से गायब रहते हैं। जिस पर स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी से शिकायत की है कि स्कूल प्रबन्धक और प्रधानाचार्य के सह पर मदरसे के कई शिक्षक मदरसे से नदारत रहते हैं। आरोप है कि अनुपस्थित शिक्षकों की सुधि लेने वाला कोई नहीं है। कई शिक्षक तो वर्षो बीत गए मगर मदरसे नही गए, लेकिन उनकी उपस्थित हर दिन पंजिका में दर्ज रहती है। आरोप है कि उनकी हाजिरी प्रबंधक और प्रधानाचार्य द्वारा भर दी जाती है। जिससे बिना सेवा के ही उनका मानदेय मिल जाता है।
मदरसा दारुल उलूम अतिकीया मदरसे में प्रधानाचार्य, 12 शिक्षक, एक लिपिक व एक चपरासी की नियुक्ति सरकारी मान्यता के बाद हुई थी। यहां शिक्षा हाईस्कूल तक की शिक्षा मौजूद है। जिनमें एक शिक्षक अमितेंद्र श्रीवास्तव जिनकी नियुक्ति 2015 में आलिया में हुई थी। वह नियुक्त होने से लेकर अब तक मदरसे में नहीं आए हैं। दूसरा अध्यापक तहरीर हसन जिनकी नियुक्ति 2016 में हुई थी वह भी नियुक्ति के बाद से अब तक स्कूल नहीं आए। वही दो अध्यापक सिराज अहद और गुलाम मोहियउद्दीन ऐसे हैं जिनका वास्ता सिर्फ स्कूल में हाजरी बनाने तक का है। उसके बाद वह स्कूल नहीं आते और मानदेय पूरा उठा रहे हैं। शिकायतकर्ता उस्मान अंसारी ने प्रबंधक और प्रधानाचार्य पर यह आरोप लगाते हुए बताया कि न आने वाले शिक्षकों के शिक्षक उपस्थिति पंजिका में प्रधानाचार्य और प्रबंधक कूट रचित हस्ताक्षर बनाकर कोरम पूरा कर देते हैं। जिसको लेकर आरोप लगाया कि मदरसे में बायोमेट्रिक हाजिरी और सीसीटीवी कैमरा लगाने की मांग की है। जिससे शिक्षा स्तर में पारदर्शिता आए और नियमो का उलंघन व मनमानी करने वालो पर अंकुश लग सके। जिसको लेकर जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर जांच कर कार्रवाई करने की मांग की गई है। जिला अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी पवन कुमार सिंह ने बताया कि आरोपों की जांच कराई जाएगी। आरोप सत्य पाए जाने पर सम्बन्धित शिक्षकों पर कार्रवाई होगी।