कैसे संवरेगा बच्चों का भविष्य, 19 स्कूलों के सापेक्ष नौ शिक्षक कार्यरत
लखीमपुर खीरी। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी तो है ही, लेकिन नगर क्षेत्र के स्कूलों में सबसे ज्यादा टोटा है। नगर क्षेत्र के कुल 32 स्कूलों के सापेक्ष 16 शिक्षक ही तैनात हैं। दर्जन भर से अधिक स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती नहीं है। वहां सिर्फ शिक्षामित्र के सहारे खानापूर्ति की जा रही है। कुछ स्कूलों में तो शिक्षामित्र भी नहीं हैं। इससे नगर क्षेत्र के कई स्कूल लंबे समय से बंद पड़े हैं।
लखीमपुर नगर क्षेत्र में 19, मोहम्मदी नगर क्षेत्र में छह और गोला नगर क्षेत्र में सात कुल 32 परिषदीय स्कूल संचालित हैं। इन 32 स्कूलों के सापेक्ष नगर क्षेत्र में कुल 16 शिक्षक ही तैनात हैं, जिससे सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि 50 प्रतिशत शिक्षकों के पद रिक्त हैं।
लखीमपुर नगर क्षेत्र में 19 स्कूलों में नौ शिक्षक कार्यरत हैं। इससे एक शिक्षक के पास चार-पांच स्कूलों का चार्ज है। इसके अलावा 11 शिक्षामित्र भी कार्यरत हैं, जिससे कुछ विद्यालय सिर्फ इन्हीं के भरोसे चलाए जा रहे हैं। शिक्षकों की कमी से हालात यह हैं कि शिक्षामित्र हैं तो शिक्षक नहीं हैं, जहां शिक्षक हैं तो वहां शिक्षामित्र नहीं हैं। मसलन एकल शिक्षक या शिक्षामित्र द्वारा इन स्कूलों का संचालन किया जाना सिर्फ खानापूर्ति भर है, क्योंकि एक शिक्षक या शिक्षामित्र के सहारे स्कूल में बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार आने की गुंजाइश बेहद कम है, जबकि निपुण भारत अभियान के तहत बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार लाने का टास्क चलाया जा रहा है, जिसका असर इन शिक्षक विहीन स्कूलों पर महत्वहीन साबित होगा। ऐसे ही मोहम्मदी नगर क्षेत्र में छह परिषदीय स्कूल हैं, जिसके सापेक्ष तीन शिक्षक व पांच शिक्षामित्र कार्यरत हैं। यानी स्कूलों की संख्या के मुकाबले न तो शिक्षक हैं और न ही शिक्षामित्र। ऐसे में इन स्कूलों के बच्चों का भविष्य अधर में है। इसी तरह गोला नगर क्षेत्र में सात परिषदीय स्कूल हैं, लेकिन यहां भी चार शिक्षक और छह शिक्षामित्र कार्यरत हैं। स्कूलों की संख्या के लिहाज से न तो शिक्षक तैनात हैं और न ही शिक्षामित्र हैं।
नगर क्षेत्र में शिक्षकों की कमी होने के कारणों के बारे में विभागीय अधिकारी बताते हैं कि कई सालों से नगर क्षेत्र में शिक्षकों की तैनाती नहीं की जा रही है, क्योंकि शासनादेश के अनुसार नई भर्तियों में नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की तैनाती ग्रामीण क्षेत्रों में की जाती है। इसमें भी खास कंडीशन यह है कि पिछड़े ब्लॉकों में शिक्षकों की तैनाती की जाती है। इस कारण करीब एक दशक से नगर क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई। जो शिक्षक तैनात थे, उनमें आधे से अधिक सेवानिवृत्त हो गए हैं। वर्तमान में कार्यरत 16 शिक्षकों में से कई शिक्षक बीमारियों के शिकार हैं, जिससे वह स्कूल कम ही पहुंचते हैं, तो कुछ शिक्षक सेवानिवृत्त होने की कगार पर हैं।
नगर क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, लेकिन इनमें नए शिक्षकों की तैनाती नहीं की जा सकती है। फिलहाल शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए हाल में अंतरजनपदीय स्थानांतरण के तहत दूसरे जनपदों से आए 17 शिक्षकों की अस्थाई ड्यूटी नगर क्षेत्र के स्कूलों में लगाई जाएगी। शिक्षक पहले बीआरसी कार्यालय में जाकर हाजिरी देंगे, जिसके बाद नगर क्षेत्र के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाएंगे। यह व्यवस्था शिक्षकों को विद्यालय आवंटन होने तक जारी रहेगी, जिसके बाद दूसरे विकल्पों पर विचार किया जाएगा।
डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय, बीएसए