लखनऊ। परिषदीय स्कूलों के जिन बच्चों का आधार प्रमाणीकरण नहीं हुआ है, उन्हें निशुल्क यूनीफॉर्म व स्टेशनरी आदि के लिए मिलने वाले 1200 रुपये के लिए इंतजार करना होगा। मुख्यमंत्री एक अगस्त को डीबीटी के तहत सिर्फ उन बच्चों के अभिभावकों के खाते में राशि भेजेंगे, जिनका आधार प्रमाणीकरण हो चुका है।
विभाग का दावा है कि नामांकित करीब 1.91 करोड़ बच्चों में से ज्यादातर का आधार प्रमाणीकरण हो चुका है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि एक अगस्त से पहले छूटे करीब 10 लाख बच्चों के आधार प्रमाणित कराए जा रहे हैं। जो बच्चे बचेंगे तो उनके अभिभावकों के खाते में अगले चरणों में राशि भेज दी जाएगी। उन्होंने बताया कि आधार प्रमाणीकरण की व्यवस्था राशि आवंटन व छात्र संख्या पुख्ता करने के लिए की जा रही है जिससे किसी छात्र का दो विद्यालय में नाम लिखाकर फर्जीवाड़ा न किया जा सके।
कई अभिभावकों ने अब तक नहीं बनवाए आधार
ऐसे बच्चे जिनका आधार नहीं है उनका आधार बनवाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने ब्लॉक संसाधन केंद्रों (बीआरसी) में व्यवस्था की है। कई जिलों में बीआरसी में एक दिन में 20 आधार ही बन पा रहे हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा दिक्कत ग्रामीण अभिभावकों के साथ है। बीआरसी पर भीड़ ज्यादा होने से अभिभावक लौट जाते हैं फिर वे कई दिन आधार बनवाने ही नहीं जाते। इससे कुछ स्थानों पर 30 फीसदी तक अभिभावकों के आधार का प्रमाणीकरण नहीं हुआ।