जॉब क्रिएटर तैयार करें
केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर तीन दिन चले मंथन में युवाओं को जॉब सीकर नहीं बल्कि जॉब क्रिएटर के रूप में तैयार करें। उन्होंने विश्वविद्यालयों के सामने यह लक्ष्य रखा। बनारस में देशभर के शिक्षण संस्थानों ने भी इसे आने वाले समय की जरूरत माना।
वाराणसी,। बदलते भारत की शिक्षा व्यवस्था भी अब बदली हुई होगी। यह छात्रों को किसी ढर्रे पर जबरन चलाने वाली नहीं होगी बल्कि छात्रों को उनकी जरूरत के हिसाब से शिक्षित करेगी। शिक्षण व्यवस्था के केंद्र में अब छात्र होंगे। यह घोषणा शनिवार को काशी में चल रहे तीन दिवसीय अखिल भारतीय शिक्षा समागम के समापन पर हुई। कार्यक्रम के बाद जारी होने वाले ‘बनारस मेनिफेस्टो’ (घोषणापत्र) को रोककर इसकी जगह तीन सूत्री निष्कर्ष जारी किया गया।
शिक्षा समागम में तीन दिनों तक देश के 350 विश्वविद्यालयों और संस्थानों के प्रमुखों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के आलोक में बदलती शिक्षा व्यवस्था पर चर्चा की।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, यूजीसी अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार और सचिव प्रो. रजनीश जैन की मौजूदगी में शिक्षा जगत के विद्वानों ने 9 तकनीकी सहित कुल 11 सत्रों में नई शिक्षा व्यवस्था के सभी पहलुओं पर मंथन किया।