आरटीई पोर्टल पर कम दर्शाई कक्षाओं की छात्र क्षमता
सुल्तानपुर। शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) के पोर्टल पर पंजीकृत विद्यालयों की और से कक्षाओं की क्षमता कम दिखाने का मामला सामने आया है। अधिकांश अपने विद्यालयों के कथाओं की वास्तविक छात्र संख्या की तुलना में पोर्टल पर कम संख्या दशाई है। इसकी वजह से शासन की मंशा के मुताबिक अलाभित व दुर्बल आय वर्ग के छात्रों को प्रवेश नहीं मिल पा रहा है।
शासन ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत अलाभित समूह व दुर्बल आय वर्ग के छात्रों को मुफ्त शिक्षा देने के लिए निजी विद्यालयों में 25 फीसदी सीट को इस वर्ग के बच्चों से निशुल्क भरे जाने का आदेश दिया है। बदले में सरकार की ओर से प्रति छात्र के हिसाब से विद्यालयों की धनराशि का आवंटन किए जाने का प्रावधान है। इसके लिए शासन ने सभी मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों को आरटीई पोर्टल पर पंजीकरण कराते हुए कक्षाओं की वास्तविक छात्र संख्या अपलोड करने का निर्देश दिया है।
शासन के निर्देश पर जिले में 575 मान्यता प्राप्त विद्यालयों ने पंजीकरण कराया है लेकिन इसमें अधिकांश विद्यालयों ने अपने यहां संचालित कक्षाओ की वास्तविक के बजाय पोर्टल पर कम छात्र संख्या दर्ज करवा दी है। इसमें शहरी क्षेत्र के विद्यालय अधिक हैं। पोर्टल पर विद्यालयों की ओर से छात्र संख्या कम दर्शाए जाने से अलाभित समूह व दुर्बल आय वर्ग के छात्रों को मुफ्त शिक्षा का कम लाभ मिल पा रहा है। सूत्रों के मुताबिक बड़े स्कूलों ने अधिकतम 100 के आसपास ही छात्र संख्या पोर्टल पर दर्शाई है, जबकि मौजूदा समय में कई विद्यालयों के कक्षाओं की छात्र क्षमता दो सौ या इससे अधिक है। हालांकि इससे कम छात्र क्षमता वाले भी कई विद्यालय संचालित हो रहे हैं। निजी विद्यालयों की ओर से वास्तविक छात्र क्षमता छुपा लेने से अलाभित समूह व दुर्बल आय वर्ग के छात्रों की सरकार की योजना का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है।