लखनऊ। कैसरबाग के एसडीए मिशन स्कूल की शिक्षिका जया गिलबर्ट की खुदकुशी के मामले में बेटे ने प्रिंसिपल पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। बेटा बोला कि प्रिंसिपल उसकेपरिवार को लगातार प्रताड़ित कर रहे थे जिसके कारण मां डिप्रेशन में आ गईं। इसी वजह से उन्होंने मंगलवार को स्कूल की छत से कूदकर खुदकुशी कर ली। प्रिंसिपल व वहां के कर्मचारियों ने हम लोगों को गुमराह किया। कहा कि उनको चोट लगी है। स्कूल परिसर से कर्मचारियों की मदद से खून व अन्य साक्ष्य भी मिटा दिए गए। बेटे ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुदकुशी की पुष्टि हो गई है। अब कैसरबाग थाने में तहरीर दूंगा, ताकि मुकदमा दर्ज हो और दोषियों को सजा मिले।
कैसरबाग के निशात सिनेमा के पास रहने वाली जया गिलबर्ट विधानसभा मार्ग स्थित एसडीए मिशन स्कूल में शिक्षिका थी। मंगलवार सुबह उन्होंने स्कूल की छत से कूदकर खुदकुशी कर ली थी। जया के बेटे अरविंद गिलबर्ट एक कॉल सेंटर में नौकरी करते हैं। अरविंद के मुताबिक, एसडीए मिशन स्कूल में उनकी मां जया के अलावा पिता और भाई नवीन सिंह गिलबर्ट भी काम करते थे। पिता की मौत के नवंबर 2021 में हुई। इसके बाद मां अवसाद में रहने लगीं। वहीं स्कूल में छोटा भाई नवीन कंप्यूटर टीचर था। उसकी स्कूल में पढ़ाने वाली एक शिक्षिका से दोस्ती थी। दोनों अपनी मर्जी से घूमने निकल गए थे। कुछ दिन बाद वापस आए तो प्रिंसिपल ने उसे निलंबित कर दिया। न तो उसे कोई कारण बताया गया और न ही उसका पक्ष लिया गया। वहीं उसकी दोस्त को धमकाकर मिलने से भी मना कर दिया।
शिकायत करने पर मां को भी निकाला
अरविंद के मुताबिक, स्कूल में काम करने के दौरान पिता को भी प्रिंसिपल प्रताड़ित करते थे। इसी प्रताड़ना के दौरान उनकी हार्ट अटैक से स्कूल में ही मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद मां सदमे में थी। कुछ दिन बाद वह स्कूल जाने लगीं। शुक्रवार को मां ने एक शिक्षक की शिकायत की जिसे प्रिंसिपल ने नजरअंदाज कर दिया। उलटे शिकायत करने पर उनको स्कूल से निकाल दिया। वहीं मानसिक रूप से ठीक होने का प्रमाण पत्र लाने के लिए कहा। मां इस बात से काफी आहत थीं। केजीएमयू और बलरामपुर अस्पताल उनके मानसिक प्रमाण पत्र के लिए हमलोग भागदौड़ किए लेकिन वहां साफ मना कर दिया गया। किसी तरह सोमवार रात को दोनों भाइयों ने मां को समझाया और प्रिंसिपल से माफी मांगकर काम शुरू करने को कहा। मां हम लोगों की बात मान गईं। मंगलवार को स्कूल गईं। जहां पर प्रिंसिपल के कमरे में गई और उनसे माफी मांगी। लेकिन उन्होंने मां के माफी नामे की तरफ ध्यान नहीं दिया। उनको कमरे से बाहर कर दिया। इसके कारण उन्होंने परेशान होकर स्कूल की छत से कूदकर खुदकुशी कर ली।
सारे सबूत मिटाए, झूठ बोला
अरविंद ने बताया कि उसे मंगलवार सुबह सवा आठ बजे सूचना प्रिंसिपल ने दी कि आपकी मां को चोट लग गई है। आकर ले जाइए। फिर कुछ देर बाद स्कूल केकर्मचारियों ने चाचा को सूचना दी कि आपके भाई की पत्नी की मौत हो गई है। आकर शव ले जाएं। चाचा ने इसकी सूचना हमको दी तो वहां पहुंचे। वहां मां को एक वैन में रखा गया था। उनके पूरा शरीर खून से लथपथ था। जब पूछताछ की पहले तो स्कूल के अंदर जाने से रोका। फिर बताया कि परिसर में गिर गई थी। जब जगह के बारे में जानकारी मांगी तो वहां लेकर गये। वहां हमने देखा कि पूरी तरह से सफाई की गई थी। वहां पर खून के निशान तक नहीं थे। प्रिंसिपल के इशारे पर वहां काम करने वाले कर्मचारियों ने सबूत मिटाये थे। बेटे अरविंद ने कहा कि शुक्रवार को वह कैसरबाग थाने में तहरीर देगा। ताकि मां की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाया जा सके