आजमगढ़ में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की सुचिता को भंग करने के आरोप में जेल में बंद सहर्ष राय उर्फ गोल्डी राय की जमानत अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंजूर कर ली है। कोर्ट ने उसे निजी मुचलके और दो प्रतिभूतियों पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति समिति गोपाल ने सहर्ष राय उर्फ गोल्डी राय की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है।
सहर्ष राय पर अपने साथियों के साथ जनवरी में हुई टीईटी परीक्षा में सेंधमारी करने का आरोप लगाया गया था। आजमगढ़ की रानी की सराय पुलिस ने उसे और उसके 20 सहयोगियों को एक साथ गिरफ्तार किया था। तबसे वह जेल में बंद है। उसके कुछ साथियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।
याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि उसे झूंठा फंसाया गया है। घटना से उसका कोई लेना-देना नहीं है। जबकि, सरकारी अधिवक्ता ने जमानत अर्जी का विरोध किया। कहा कि याची घटना में नामजद है और उसके खिलाफ गैंग बनाकर ऐसी गतिविधियों को संचालित करने का आरोप है। कोर्ट ने तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए याची को जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया।