प्रयागराज। स्वास्थ्य और लोक निर्माण विभाग में हुए तबादले में अनियमितता का मामला सामने आने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग के तबादलों पर भी सवाल उठे हैं। सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों के तकरीबन 65 ह्यवीआईपीह्ण शिक्षकों का बैकडोर से ऑफलाइन तबादला कर दिया गया। जबकि शासन ने 16 जुलाई 2019 को ऑफलाइन तबादलों पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। सबसे बड़ा सवाल है कि ऑफलाइन तबादले करने ही थे तो इसकी सूचना सभी शिक्षकों को क्यों नहीं दी गई?
यदि ऐसा होता तो जरूरतमंद शिक्षकों को स्थानांतरण का लाभ मिल सकता था। किसी प्रकार के विवाद से बचने के लिए तबादला सूची एक साथ जारी करने की बजाय एक-एक शिक्षक को पंजीकृत डाक से आदेश भेजा गया है। स्थानान्तरण नीति 2022-23 के अनुसार 30 जून तक तबादले होने थे लेकिन अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेन्द्र देव की ओर से एक जुलाई को आदेश जारी किया गया। शिक्षा निदेशालय के अफसरों का कहना है कि 2019 से पहले और उसके बाद तकरीबन 130 ऑफलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे। इनकी जांच के बाद लगभग 65 शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है। जिसमें कई उच्च संदर्भ के भी मामले बताए जा रहे हैं। सरकार ने इससे पहले 12 जुलाई 2021 को ऑनलाइन स्थानान्तरण की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर होने के बाद से आज तक लंबित है। हालांकि उसके बाद से अब तक दर्जनों वीआईपी शिक्षकों के बैकडोर से तबादले होते रहे हैं। इसे लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट ने मुख्य सचिव को ई-मेल भेजकर शिकायत की है।
जिन शिक्षकों का तबादला हुआ, अच्छी बात है। लेकिन तबादले से पहले सभी शिक्षकों को सार्वजनिक सूचना दी जानी चाहिए थी ताकि अन्य जरूरतमंद शिक्षक भी घर जा पाते।
-सुरेश कुमार त्रिपाठी, नेता शिक्षक दल विधान परिषद
शासन ने 30 जून तक तबादले के लिए आदेश दिए थे। ऑनलाइन तबादले की प्रक्रिया कोर्ट के विचाराधीन है इसलिए ऑफलाइन तबादले किए हैं।
-डॉ. महेन्द्र देव, अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक
शिक्षकों के स्थानांतरण के मामले में शिक्षा विभाग के अफसरों ने संविधान और कानून को ताक पर रख दिया है। आम शिक्षक का ट्रांसफर रोककर केवल वीआईपी शिक्षकों का ट्रांसफर चोरी-चुपके हो गया है। यदि सब नियम संगत है तो स्थानांतरण सूची सार्वजनिक क्यों नहीं कर रहे?
-लालमणि द्विवेदी, प्रदेश महामंत्री, माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट
आदेश मिलने के बाद एक सप्ताह में कर लिया ज्वाइन
ऑफलाइन तबादले का आदेश मिलने के बाद एक सप्ताह में शिक्षकों ने ज्वाइन भी कर लिया। लखनऊ में गोंडा, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर और रायबरेली से आए छह शिक्षकों ने स्कूलों में कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इममें से दो शिक्षक इलाज के लिए लखनऊ आए हैं। गोरखपुर में पांच शिक्षक ट्रांसफर होकर पहुंचे हैं। पूर्वांचल में जौनपुर और आजमगढ़ के लिए स्थानान्तरित शिक्षक अपने जिलों से कार्यमुक्त हो चुके हैं।