प्रयागराज/लखनऊ। यूपी बोर्ड ने लगातार तीसरे साल कक्षा नौ से 12 तक एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं को 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम पढ़ाने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर 2022-23 सत्र के लिए जो पाठ्यक्रम अपलोड किया है उसमें सभी विषयों में 30 प्रतिशत की कटौती बरकरार रखी है। विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना के चलते दो साल नियमित पढ़ाई न होने के कारण छात्र-छात्राएं मानसिक रूप से दबाव में हैं।
इस साल बोर्ड परीक्षा के बाद प्रायोगिक परीक्षा और मूल्यांकन के कारण भी तकरीबन दो महीने स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित रही। दो साल बाद स्कूलों में लौटे बच्चों को अच्छा माहौल देने और उनके समग्र विकास के उद्देश्य से इस साल भी 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम ही रखा गया है। यूपी बोर्ड इस साल से 9वीं और 10वीं की लिखित परीक्षा नए पैटर्न पर कराने जा रहा है। पहली बार सत्र में पांच मासिक परीक्षाएं होंगी। इनमें तीन बहुविकल्पीय और दो परीक्षा वर्णनात्मक प्रश्नों के आधार पर होंगी।
अगले माह शुरू होगा नव साक्षरता कार्यक्रम: प्रदेश में नव साक्षरता कार्यक्रम अगले माह शुरू होगा। इसमें 15 साल से अधिक उम्र के निरक्षर लोगों को पढ़ने-लिखने से लेकर व्यवहारिक ज्ञान की जानकारी दी जाएगी। गांव व मोहल्ले स्तर पर वॉलंटियर निरक्षरों को साक्षर करेंगे। शासन में इसकी गाइड लाइन लगभग बनकर तैयार है। साक्षरता विभाग ने पूरे कार्यक्रम की तैयारी कर ली है।
साक्षरता हेतु पाठ्यक्रम राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (एससीईआरटी) तैयार कर रहा है। जबकि कार्यक्रम का प्रशासनिक काम साक्षरता विभाग के जिम्मे होगा।
2027 तक चलेगा: साक्षरता विभाग के सहायक निदेशक राज कुमार बताते हैं कि केन्द्र सरकार द्वारा नव साक्षरता कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। पांच वर्षीय नव साक्षरता कार्यक्रम 2027 तक चलेगा। इसमें शहर व ग्रामीण क्षेत्र के 15 साल से ऊपर के निरक्षर लोगों को साक्षर किया जाएगा। इन्हें पढ़ना, लिखना सिखाया जाएगा। साथ ही व्यवहारिक शिक्षा भी दी जाएगी। निरक्षरों का ऑनलाइन पंजीकरण किया जाएगा।