उत्तर प्रदेश में नाबार्ड के सहयोग से अगले चार साल में हर जिले में एक-एक मॉडल कंपोजिट स्कूल खोला जाएगा। इसमें कक्षा एक से 12 तक की पढ़ाई होगी। इसके साथ ही अभ्युदय कंपोजिट स्कूल खोला जाएगा और 5000 स्मार्ट क्लासेज भी नाबार्ड के सहयोग शुरू होंगी। इस समय प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 12000 स्मार्ट क्लास चल रहे हैं। इस बार भारत सरकार ने 18381 स्मार्ट क्लास की और स्वीकृत दी है। इस तरह अगले चार, पांच वर्ष में हर स्कूल में स्मार्ट क्लास शुरू होगी। इसके साथ ही डिजिटल लर्निंग के लिए हर विद्यालय में टैबलेट दिए जाएंगे। इसके लिए दो लाख टैबलेट भारत सरकार ने दिए हैं।
यह जानकारी योगी सरकार के सौ दिन पूरे होने पर बेसिक शिक्षा विभाग के मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह व प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने दी। मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि स्कूल चलो अभियान के तहत अब तक एक करोड़ 90 लाख छात्रों का नामाकंन किया जा चुका है। अब तक 40 लाख नए छात्रों को जोड़ा गया है।
साथ ही परिषदीय स्कूलों में सभी नामांकित बच्चों का आधारीकरण किया जा रहा है। अभी तक विभाग की ओर से एक करोड़ दस लाख बच्चों का प्रमाणीकरण और एक करोड़ 66 लाख बच्चों का आधार कार्ड बनाया गया है। स्कूल चलो अभियान के तहत ईंट भट्टों पर काम कर रहे बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का काम किया गया है। इसके तहत 3 लाख 96 हजार से अधिक बच्चों को जोड़ा गया है। प्रदेश के 2 लाख 55 हजार से अधिक दिव्यांग बच्चों को शिक्षा से जोड़ा गया है। इसके अलावा निपुण के तहत हर बच्चे की तिमाही प्रोग्रेस चेक करेंगे।
अभिभावकों के खाते में इस बार जाएगा 1200 रुपये
डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत यूनिफार्म, जूता, मोजा, स्वेटर, स्कूल बैग के लिए पिछले सत्र में अभिभावकों के खाते में 1100 रुपये भेजे गए थे। इस बार डीबीटी के तहत 1200 रुपये अभिभावकों को भेजे जाएंगे, ताकि नोट बुक, पेंसिल वगैरह भी वह खरीद सकें। मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि डीबीटी से अभिभावकों के खाते में भेजी गई राशि के उपयोग को लेकर एक संस्था से सर्वे कराया गया था, जिसमें 85 प्रतिशत ने इसमें प्रसन्नता जताई है। इसके अलावा पिछली बार अभिभावकों व बैंक एकाउंट को सत्यापित किया था। इस बार अभिभावक व बैंक एकाउंट के साथ ही हर बच्चे का आधार सत्यापित करा रहे हैं।
स्कूलों को संवारने में मदद करेगा कायाकल्प विद्यांजलि पोर्टल
बेसिक शिक्षा विभाग जल्द ही कायाकल्प विद्यांजलि पोर्टल भी शुरू करने जा रहा है। इसके जरिए ऐसे लोग जिनका किसी विद्यालय से जुड़ाव रहा है। किसी विद्यालय में वह पढ़े हैं और अपने पुराने स्कूल में कुछ देना चाहते हैं, ऐसे लोग किसी स्कूल को गोद ले सकेंगे। जिले स्तर पर या किसी स्कूल विशेष के लिए फंडिंग कर सकते हैं। भौतिक रूप से खेलने की सामग्री, लाइब्रेरी आदि में मदद कर सकते हैं। सिर्फ पढ़ाकर भी मदद कर पाएंगे।
वर्ल्ड बैंक की मदद से भी बदलेगी तस्वीर
प्रमुख सचिव ने बताया कि सरकार ने वर्ल्ड बैंक से प्रोजेक्ट लिया है। भारत सरकार ने इसे अप्रूव कर दिया है। यह प्रोजेक्ट 4000 करोड़ रुपये का है। इसमें राज्य सरकार का 25 फीसदी हिस्सा है। इसमें जो कार्यक्रम आएंगे, उसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण व व्यावसायिक विकास, आंगनबाड़ी केंद्र को डिजिटल सुरक्षा प्रदान करना, विद्यालयों में स्मार्ट टीवी, स्मार्ट क्लास का प्रावधान करना, डिजिटल डिवाइस, पुस्तकालय की अवस्थापना करना व स्टेट असेसमेंट सेल बनाना शामिल होगा। इसके अलावा निपुण भारत कार्यक्रम को सहयोग देना, ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट डायट जैसे संस्थान को आईसीटी युक्त करना और शिक्षकों का प्रशिक्षण बेहतर देना भी इसमें शामिल है।
कैशलेस चिकित्सा सुविधा के लिए चल रही कवायद
मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि कैशलेस चकित्सा सुविधा से छह लाख शिक्षकों, शिक्षामित्रों को लाभ देने की योजना पर काम चल रहा है। ई निविदा प्रकाशित की गई है। तीन, पांच, सात व दस लाख रुपये की धनराशि की बीमा दरें मांगी गई हैं