प्रयागराज, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक ही नियम से तदर्थ नियुक्त दो अधिकारियों में से एक को नियुक्ति तारीख से नियमित कर पदोन्नति देने और दूसरे को इन्कार करने के खिलाफ याचिका को स्वीकार कर लिया है। विपक्षी कर्मचारी की तरह याची को भी नियमित करने, वरिष्ठता आदि सारे सेवा लाभ तीन माह में देने पर विचार करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने नगर पालिका मेरठ में कनिष्ठ अभियंता प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की याचिका पर दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता रामकुमार सिन्हा ने बहस की। इनका कहना था कि याची की सात मार्च 1995 में कनिष्ठ अभियंता पद पर तदर्थ नियुक्त किया गया। 11 अक्टूबर 2006 में नियमित किया गया, जबकि उसे नौ मार्च 1998 से नियमित किया जाना चाहिए। वहीं, इसी नियमावली के तहत परमानंद मिश्र की तदर्थ नियुक्ति की गई थी। उन्हें 2015 मे नियमित किया गया। हाई कोर्ट के आदेश पर उन्हें एक मार्च 2008 से नियमित किया गया। याची से कनिष्ठ होने के बावजूद उन्हें वरिष्ठता देकर पदोन्नति भी दी गई है। इसी आधार पर याची को नौ मार्च 1998 से नियमित कर सभी लाभ दिया जाय।
बालिका इंटर कालेज शाहगंज के प्रबंधक को जमानती वारंट जारी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बालिका इंटर कालेज शाहगंज जौनपुर के प्रबंधक को जमानती वारंट जारी कर 18अगस्त को हाजिर होने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने छह हफ्ते में याचिका पर प्रबंधक को जवाब दाखिल करने अथवा हाजिर होने का आदेश दिया था लेकिन इसका पालन नहीं किया गया। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक वर्मा ने कनकलता अस्थाना की याचिका पर दिया है। कालेज प्रबंधक ने याची को 4 जुलाई 2022 को बर्खास्त कर दिया जिसे याचिका में चुनौती दी गई है। 30 मई 2022 को कोर्ट ने विपक्षी प्रबंधक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। नोटिस तामील होने के बावजूद न तो जवाब दाखिल किया गया और न ही प्रबंधक हाजिर हुए जिस पर जमानती वारंट जारी किया गया है ।