यूपी बोर्ड से नई मान्यता के लिए आवेदन करने वाले स्कूलों में अब ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) की तर्ज पर कक्षा नौ से 12 तक के छात्र-छात्राओं को व्यावसायिक शिक्षा दी जाएगी। यूपी बोर्ड ने अपनी मान्यता शर्तों में जो बदलाव किया है उसके अनुसार स्कूलों में वोकेशनल ट्रेड का चिह्नीकरण क्षेत्र विशेष की आवश्यकता और रोजगार की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए किया जाएगा।
इसके साथ ही स्कूलों को ट्रेड के व्यावहारिक ज्ञान के लिए नजदीक के वर्कशॉप, उद्योग और कंपनी आदि से संबंध स्थापित करना होगा। पहले उद्योग या कंपनी से समझौते की कोई बाध्यता नहीं थी। यही नहीं पहले इन स्कूलों में यूपी बोर्ड से निर्धारित विभिन्न ट्रेड विषयों में से किसी एक ट्रेड विषय का अध्यापन कराना अनिवार्य था। लेकिन अब ट्रेड विषयों में किन्हीं दो सेक्टर से संबंधित अलग-अलग दो जॉब रोल (ट्रेड) पढ़ाना होगा। इसके लिए आवश्यक उपकरणों, वर्क शेड, सामग्री और इंस्ट्रक्टर अपने निजी स्रोत से उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
क्षेत्र की खासियत बनेगी स्वावलंबन का आधार
उदाहरण के तौर पर वाराणसी में कोई मान्यता लेता है तो उसे इम्ब्रॉयडरी या टेक्सटाइल डिजाइन का ट्रेड पढ़ाना होगा, क्योंकि वहां बनारसी साड़ी का बड़ा कारोबार है और उसमें रोजगार की अधिक संभावना बनेगी। आगरा में पर्यटन एवं आतिथ्य को पढ़ाया जाएगा, क्योंकि वहां ताजमहल के कारण पर्यटन में काफी संभावना है। इसी प्रकार बेकरी एंड कन्फेक्शनरी, पशुपालन, फोटोग्राफी, मधुमक्खी पालन, डेरी प्रौद्योगिकी, फसल सुरक्षा सेवा, जैसे विषयों को स्कूलों में शुरू किया जा सकेगा। यूपी बोर्ड ने यह बदलाव व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के संकल्प के तहत किया है।