गाजीपुर : कंपोजिट स्कूल ग्रांट से परिषदीय विद्यालयों की सूरत बदली जाएगी। इसके लिए जिले को नौ करोड़ से अधिक की धनराशि उपलब्ध करा दी गई है। विद्यालयों में नामांकित बच्चों की संख्या के आधार पर यह धनराशि दी गई है। जल्द ही जिला स्तर से स्कूल प्रबंध समितियों के खाते में निर्धारित धनराशि भेजी जाएगी। इससे स्कूलों की जरूरतों को पूरा किया जाएगा। संसाधनों में इजाफा के साथ ही स्कूल और भी बेहतर होंगे।
जिले में 2269 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इनमें 1468 प्राथमिक, 352 उच्च प्राथमिक एवं 449 कंपोजिट विद्यालय हैं। इसमें करीब साढ़े तीन लाख बच्चे नामांकित हैं। विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। कई वर्षों पहले शासन से जो धनराशि मिलती थी, उससे स्कूलों की रंगाई-पुताई आदि ठीक से नहीं हो पाती थी। कुछ वर्ष पहले शासन ने प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों की आवश्यकता को देखते हुए कंपोजिट स्कूल ग्रांट उपलब्ध कराने की शुरुआत की। कांवेंट की तर्ज पर इन स्कूलों को बनाने के लिए सभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को नामांकित बच्चों की संख्या के आधार पर कंपोजिट ग्रांट के तहत धनराशि दी जा रही है। धनराशि उपलब्ध होने पर स्कूलों की विभिन्न व्यवस्थाओं तथा संसाधनों को सुदृढ़ करने के अच्छे परिणाम भी सामने आए हैं। कुछ मामलों को छोड़कर स्कूलों में रंगाई-पुताई तथा शैक्षिक, पेंटिग के अलावा स्वच्छता संबंधी व्यवस्थाएं भी सुधरी हैं। एक बार फिर राज्य परियोजना निदेशालय ने कंपोजिट ग्रांट की व्यवस्था को जारी रखते हुए विद्यालयों की विभिन्न व्यवस्थाओं तथा संसाधनों को सुदृढ़ करने के लिए जिले को नौ करोड़ 10 लाख 15 हजार रुपये की धनराशि बीते दिनों उपलब्ध कराई है। एक से 30 तक बच्चों की संख्या पर 10 हजार रुपये, 30 से 100 बच्चों पर 25 हजार, 100 से 250 बच्चों पर 50 हजार, 250 से 1000 बच्चों पर 75 हजार और 1000 से अधिक बच्चों वाले स्कूलों को एक लाख रुपये ग्रांट उपलब्ध कराई जाएगी।
जल्द ही जिला स्तर से छात्र संख्या के आधार पर स्कूल प्रबंध समितियों के खाते में धनराशि भेजी जाएगी। इसके लिए विभागीय स्तर से तैयारी शुरू कर दी गई है। हेमंत राव, बेसिक शिक्षा अधिकारी
ग्रांट से यह हो सकेंगे कार्य
स्वच्छता और हैंडवाशिंग, शौचालय की क्रियाशीलता, शुद्ध पेयजल, शिक्षण सहायक सामग्री, फर्स्ट एड बाक्स, अग्निशमन यंत्र, विद्युत उपकरण, कंप्यूटर शिक्षण, अनुरक्षण कार्य, आवश्यकतानुसार रंगाई-पुताई, स्टेशनरी, चटाई और टाट-पट्टी आदि कार्य प्रमुख हैं। इसमें से न्यूनतम दस प्रतिशत धनराशि स्वच्छता अभियान-कार्यक्रम पर खर्च के लिए निर्धारित है जो विद्यालय भवन, परिसर एवं छात्रों की स्वच्छता पर व्यय की जाएगी।
विद्यालय की दीवार पर बनेगा निपुण भारत का लोगो
गाजीपुर। निपुण भारत के लोगो की पेंटिंग कार्य के लिए विद्यालय भवन की ऐसी दीवार का चयन किया जाएगा जो जनसामान्य के लिए प्रथम दृष्टया दृश्यमान हो। लोगो की पेंटिंग की माप 45 सेमी चौड़ा और 60 सेमी ऊंचे आयताकार आकार में होगी। लोगो में निर्धारित रंगों का समावेश किया जाएगा।