परिषदीय स्कूलों में निश्शुल्क पाठ्य पुस्तकों का वितरण कच्छप गति से चल रहा है शासन की बेरुखी से अभी तक पूरी किताबें जनपद में नहीं आ सकी हैं यहां सिर्फ 5.25 लाख पाठ्य पुस्तकें ही आ सकी हैं, इनमें से दो लाख पुस्तकों का वितरण कर दिया गया है स्कूलों में 3.13 लाख बच्चे हैं।
33 हजार बच्चों को ही पुस्तकें मिल पाई हैं जनपद में कुल 2,372 परिषदीय स्कूल हैं इनमें से 1636 प्राथमिक विद्यालय, 362 उच्च प्राथमिक विद्यालय तथा 374 कंपोजिट विद्यालय हैं इनमें 3,13,914 बच्चे नामांकित हैं एक अप्रैल से परिषदीय स्कूलों में नया सत्र शुरू हो गया उस समय शासन का आदेश था कि जब तक नई पाठ्यपुस्तकें नहीं आतीं तब तक पुरानी पुस्तकें बच्चों को उपलब्ध कराकर पढ़ाई कराई जाए।
ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद स्कूल 15 जून से खुल गए जुलाई माह बीतने के आखिरी दौर में कुछ पुस्तकें आईं जनपद में कुल 21 लाख पाठ्य पुस्तकों की जरूरत है इसके सापेक्ष अभी तक सिर्फ पांच लाख 25 हजार पाठ्य पुस्तकें ही यहां आई हैं इनमें से दो लाख पुस्तकों ( 33 हजार बच्चे ) के वितरण का दावा बेसिक शिक्षा विभाग कर रहा है अंग्रेजी माध्यम के विषयों की अभी तक एक भी पुस्तक नहीं आ सकीं हैं।