प्रदेश में नई पारिवारिक पेंशन स्कीम-1965 के तहत पारिवारिक पेंशन के लाभों में 7.5 गुना तक की वृद्धि की गई है। इस बारे में अपर मुख्य सचिव, वित्त प्रशांत त्रिवेदी ने शासनादेश जारी कर दिया है। सरकारी सेवारत माता-पिता में दोनों की मौत होने पर संतान को दो पारिवारिक पेंशन दिए जाने का प्रावधान है। अब तक दोनों पारिवारिक पेंशन का योग 15 हजार रुपये प्रतिमाह से अधिक नहीं हो सकता था, जिसे अब बढ़ाकर 1,12,500 रुपये प्रति माह कर दिया गया है।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद अब पेंशन की दरों को भी संशोधित कर दिया गया है। 13 जनवरी 2016 को जारी शासनादेश में कहा गया था कि, दोनों पारिवारिक पेंशन बढ़ी हुई दरों पर स्वीकृत की गई हों, तो उनका योग 15 हजार रुपये प्रतिमाह से अधिक नहीं होगा। जहां एक पारिवारिक पेंशन बड़ी हुई दर पर और दूसरी पारिवारिक पेंशन सामान्य दर पर स्वीकृत की गई हों, वहां भी दोनों पारिवारिक पेंशन का योग 15 हजार रुपये से अधिक नहीं होगा। जहां दोनों पारिवारिक पेंशनें सामान्य दर पर स्वीकृत की गई हों, वहां उनका योग 9 हजार रुपये प्रति माह से अधिक नहीं होगा।
एक जनवरी 2016 से पारिवारिक पेंशन की न्यूनतम राशि 9 हजार रुपये प्रति माह अनुमन्य है। जारी शासनादेश में कहा गया है कि इन स्थितियों में दो पारिवारिक पेंशन मिलने की दशा में निर्धारित अधिकतम धनराशि की सीमा में संशोधन किया जाना आवश्यक हो गया है। इस संबंध में राज्यपाल ने संशोधन के आदेश दे दिए हैं। इसके तहत अगर दोनों पारिवारिक पेंशन बढ़ी हुई दरों पर अनुमन्य की गई हों, तो उनका योग 1,12,500 रुपये प्रति माह (राज्य सरकार के अधीन उच्चतम वेतनमान 225000 रुपये का 50 प्रतिशत) से अधिक नहीं होगा।
जहां पारिवारिक पेंशन बढ़ी हुई दर पर और दूसरी पारिवापिक पेंशन सामान्य दर पर स्वीकृत की गई हो, वहां भी दोनों पारिवारिक पेंशन का योग 1,12,500 रुपये से अधिक नहीं होगा। जहां दोनों पारिवारिक पेंशनें सामान्य दर पर स्वीकृत की गई हों, वहां उनका योग 67500 रुपये प्रति माह (राज्य सरकार के अधीन उच्चतम वेतन का 30 प्रतिशत) से अधिक नहीं होगा।
शासनादेश में कहा गया है कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। इस व्यवस्था में ऐसे सभी लाभार्थी कवर होंगे, जिनको दो पारिवारिक पेंशन अनुमन्य हैं, चाहें दिवंगत सरकारी सेवकों (पति एवं पत्नी) की मृत्यु कभी भी हुई हो। ऐसे मामले जिनमें दो पारिवारिक पेंशनें पूर्व में स्वीकृत हुई थीं, लेकिन इस शासनादेश के जारी होने की तिथि को एक पारिवारिक पेंशन या दोनों पारिवारिक पेंशनें बंद हो चुकी हैं, इन आदेशों के तहत उन मामलों को पुन: नहीं खोला जाएगा। इन आदेशों के तहत एरियर का भुगतान नहीं होगा। पारिवारिक पेंशनों का भुगतान संबंधित कोषागार स्वत: करेंगे। इसके लिए पारिवारिक पेंशन प्राप्तकर्ता से आवेदन की अपेक्षा नहीं की जाएगी।