प्रयागराज झांसी के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में पांच फर्जी शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण कराने के मामले में तीनों दोषी महिला प्रधानाध्यापकों को निलंबित कर दिया गया है। अगर नियुक्ति पत्र के सत्यापन की प्रक्रिया अपनाई गई होती, तो ये फर्जी शिक्षक पहले ही पकड़ में आ जाते। लापरवाही के कारण करीब एक माह तक फर्जी शिक्षकों ने विद्यालयों में नौकरी की।
प्रधानाध्यापिका प्रीति सागर की और से भेजी गई कार्यभार ग्रहण आख्या जिला विद्यालय निरीक्षक एवं मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक झांसी के माध्यम से अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) कार्यालय प्रयागराज में आई। यहां अभिलेखों से मिलान में पता चला कि जून में कोई नियुक्ति पत्र जारी ही नहीं हुआ है। आजमगढ़ जिले के रहने वाले आरोपित फर्जी शिक्षकों पंचदेव ग्राम लालमऊ, रणविजय विश्वकर्मा ग्राम महुआपुरा तथा नरेंद्र कुमार मौर्य ग्राम वीरभद्रपुर के खिलाफ झांसी के गरौठा थाने में एवं अमृता कुशवाहा निवासी लक्षिरामपुर तथा मैनावती निवासी मधनापार के खिलाफ प्रधानाध्यापक की तहरीर पर मऊरानीपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। सभी को जेल भेज दिया गया है।
मामले पर अपर शिक्षा निदेशक केके गुप्ता ने बताया कि झांसी की प्रधानाध्यापक ऊषा पठार, प्रधानाध्यापक पूनम तथा प्रधानाध्यापक प्रीति सागर ने लापरवाही की है। इस आरोप में विभागीय जांच के बाद तीनों महिला प्रधानाध्यापकों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है।