सीतापुर। अमृत महोत्सव के तहत नौनिहालों की 11 से 17 अगस्त तक एमडीएम के साथ स्पेशल व्यंजन दिए जाने के निर्देश दिए गए है। ये निर्देश जिले में हवा हवाई साबित हो रहे है। कहीं केवल खीर बंट रही है तो कहीं सिर्फ सब्जी, चावल से ही बच्चों को संतोष करना पड़ रहा है। एमडीएम भी गुणवत्ताहीन दिया जा रहा है। इससे नौनिहालों की स्वादिष्ट व्यंजनों का लाभ नहीं मिल पा रहा है
इसका खुलासा अमर उजाला को रियलटी चेक में शनिवार को सामने आया नौनिहालों को एक सप्ताह एमडीएम के साथ हलवा, खीर, लड्डू, बूंदी व फल खिलाने के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए शिक्षकों को कन्वर्जन कास्ट से ही इसका इंतजाम करने के निर्देश दिए गए थे। अमर उजाला ने पूरे जिले में इसकी रियलटी देखी तो इसका मिलाजुला असर दिखाई दिया। जिले में ऐसा कोई भी विद्यालय नहीं मिला जहां पर सभी व्यंजनों को दिया जा रहा हो सबसे खराब हालात तो पिसाळ, रामपुर मथुरा व रेउसा विकासखंड में दिखाई दिए। इन विकासखंडों में कई विद्यालय ऐसे मिले जहाँ पर केवल एमडीएम ही बनाइ कोई भी विशेष भोजन नहीं बन सका। कई विद्यालय वो ऐसे दिखाई दिए जहां पर केवल रस्म अदायगी की गई खीर बनवा दी गई। जिसमें दूध कम पानी अधिक दिखाई दिया। जबकि कई विद्यालयों में तो बिस्कुट का वितरण करा दिया गया विशेष व्यंजनों में बिस्कुट का
कोई मीनू भी नहीं था। अधिकतर विद्यालय में कुछ इसी तरह के हालात दिखाई दिए। इससे यहां पर पड़ने वाले नौनिहाल विशेष व्यजनों का लाभ नहीं उठा सके। अफसरों ने निरीक्षण करना भी जरूरी नहीं समझा