मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कुल 18 प्रस्तावों के गठन को मंजूरी दी गई है। बैठक में यूपी इको टूरिज्म बोर्ड के गठन का निर्णय लिया गया है। इसमें पर्यटन, वन, सिंचाई, उद्यान, जल, कृषि, ग्रामीण, आयुष, नगर विकास, परिवहन सहित 10 विभाग शामिल होंगे। इसके अध्यक्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे जबकि संबंधित विभाग के मंत्री इसके सदस्य होंगे। मुख्य सचिव इसके सचिव होंगे। आईआरसीटीसी व पांच विशेषज्ञ भी इसके सदस्य होंगे।
बैठक में ऊर्जा विभाग में बेहतर समन्वय के लिए राज्य विद्युत निगम उत्पादन लिमिटेड, जवाहर विद्युत निगम उत्पादन लिमिटेड और जल विद्युत निगम लिमिटेड का विलय करने का निर्णय लिया गया है। जल विद्युत के अधिकांश प्रोजक्ट उत्तराखंड चले गए बाकी तापीय में शामिल हो गए इसलिए इनका विलय किया जा रहा है। विलय के बाद इसका नाम यूपी विद्युत निगम उत्पादन लिमिटेड होगा।
प्रतापगढ़ में मान्धाता नगर पंचायत का गठन किया गया है। जौनपुर की नगर पालिका मुंगरा बादशाहपुर का विस्तार किया गया है। प्रदेश में अब कुल 752 नगर निकाय हो गए हैं। जिसमें 536 नगर पंचायत, 199 नगर पालिका और 17 नगर निगम है।
– औद्योगिक विकास विभाग की डिफेंस और एयरोनॉटिकल पॉलिसी में बदलाव किया गया है। बुंदेलखंड में 15 प्रतिशत या 15 करोड़ अन्य क्षेत्रों में 10 प्रतिशत या 10 करोड़, एमएसएमई में 5 से 7.5 प्रतिशत या 5 से 7.5 प्रतिशत करोड़ तक की सब्सिडी दी जाती थी। अब गैर बुंदेलखंड में 7 प्रतिशत या अधिकतम 500 करोड़ और बुंदेलखंड में 10 प्रतिशत या 500 करोड़ तक की सब्सिडी मिल सकेगी। मेगा और एंकर इंडस्ट्री को 7 वर्ष और बाकी के लिये 5 वर्ष का निवेश का समय रखा गया है।
– जनवरी में 10 लाख करोड़ रुपये की ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के लिये एक महीने पहले सभी इंडस्ट्री पॉलसी बदली जाएगी। एक्स्प्रेस वे के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनेंगे।
रामपुर में अग्निशमन केंद्र बनाने के लिए जमीन देने की अनुमति दी गई है।
– अलीगढ़ के फ़ूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट को अपग्रेड कर होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा। 17 नए पाठ्यक्रम शुरू होंगे।
– लखनऊ में कुकरैल वन क्षेत्र में नाईट सफारी बनेगी। 2027 हेक्टयर का जंगल है। 150 एकड़ में प्राणी उद्यान बनेगा। मौजूदा जू यहां शिफ्ट किया जाएगा। 200 एकड़ में नाईट सफारी बनेगी। इसके लिए कंसल्टेंट नियुक्त किया जाएगा। 6 पद सृजित किये जाएंगे। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में परामर्शी समिति और अपर मुख्य सचिव वन की अध्यक्षता में कार्ययोजना समिति बनेगी।
– 1947 का जेल मैनुअल बदला जाएगा। इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं। अब सभी राज्यों में एक समान जेल मैन्युअल लागू होना है। इसी कड़ी में नया मैन्युअल लागू होगा।
अब राइफल की जगह पिस्टल, इंसास राइफल सहित कई आधुनिक उपकरण रहेंगे।
रजवाड़ो की बंदी, काला पानी, यूरोपीय बंदी आदि व्यवस्था समाप्त की गई है।
– जेल की चार श्रेणी होंगी। श्रेणी ए की जेल में 2000 से अधिक बंदी, बी में 2000 से 1500, सी में 1500 से 1000 और श्रेणी डी में 1000 से कम बंदी रहेंगे।
– पहले बंदी स्वयं के खर्च से दाढ़ी बनवाते थे, अब सार्वजनिक व्यवस्था रहेगी। कारागार उच्च सुरक्षा वाले होंगे।
– महिला बंदी मंगलसूत्र व सलवार सूट पहन सकेंगी।
– गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार दिया जाएगा। जेल में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिये शिक्षकों की व्यवस्था होगी। चिल्ड्रन पार्क बनाएंगे। शाम को चाय बिस्कुट मिलेगा।
लेखपाल भर्ती में साक्षरता की व्यवस्था समाप्त, सौ अंक का होगा प्रश्न पत्र
प्रदेश में लेखपाल की भर्ती उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से कराने और लेखपाल भर्ती में साक्षात्कार की व्यवस्था समाप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश लेखपाल सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2022 को मंजूरी दी है। राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग ने बताया कि पहले लेखपाल भर्ती राजस्व परिषद की ओर से गठित समिति के जरिये की जाती थी। इसमें 80 अंक की परीक्षा और 20 अंक के साक्षात्कार की व्यवस्था थी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश लेखपाल सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2022 को कैबिनेट से मंजूरी के बाद लेखपाल भर्ती परीक्षा में साक्षात्कार की व्यवस्था को समाप्त किया है। अब 100 अंक की परीक्षा होगी। उन्होंने बताया कि भर्ती उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के जरिये कराई जाएगी।
प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियों का होगा कंप्यूटरीकरण
प्रदेश में प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (पैक्स) का कंप्यूटरीकरण किया जाएगा। योगी कैबिनेट की मंगलवार को आयोजित बैठक में भारत सरकार के दिशा निर्देश के तहत पैक्स के कंप्यूटरीकरण की योजना को लागू करने की मंजूरी दी गई। पैक्स की कंप्यूटरीकरण योजना को लागू करने वाला यूपी पहला राज्य होगा।
सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने बताया कि प्रदेश में सभी 7400 पैक्स को कंप्यूटरीकरण किया जाएगा। योजना के पहले चरण में 2022-23 में 1500 पैक्स, 2023-24 में 2900 और 2024-25 में 3000 पैक्स का कंप्यूटरीकरण किया जाएगा। योजना को लागू करने के लिए आने वाले व्ययभार में भारत सरकार की ओर से 60.73 प्रतिशत, राज्य सरकार की ओर से 29.25 प्रतिशत और नाबार्ड की ओर से 10.02 प्रतिशत वहन किया जाएगा। योजना को लागू करने के लिए राज्य स्तर पर सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता और जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कार्यान्वयन समिति का गठन किया है।
योजना के तहत साफ्टवेयर साइबर सुरक्षा डाटा स्टोरेज ट्रेनिंग एवं परियोजना निगरानी इकाई सपोर्ट सिस्टम पर होने वाला व्यय भारत सरकार और नाबार्ड की ओर से व्यय किया जाएगा। नाबार्ड की ओर से हर जिले में 200 पैक्स के लिए आईटी विशेषज्ञों की एक टीम बनाई जाएगी। नाबार्ड की ओर से पांच वर्ष तक योजना की होल्डिंग की जाएगी। परियोजना समाप्ति की तिथि 31 मार्च 2027 होगी।