प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शत प्रतिशत रूप से स्थायी दिव्यांगता से पीड़ित लिपिक के स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही राज्य सरकार से इस मामले में चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष माथुर ने बांदा के राजकीय इंटर कॉलेज में तैनात लिपिक आलोक कुमार पांडेय की याचिका पर दिया है। जून माह के अंतिम सप्ताह में लिपिक का स्थानांतरण जीआईसी बांदा से डीआईओएस कार्यालय किया गया था, जिसे इस याचिका में चुनौती दी गई थी। याची की ओर से कहा गया कि 15 जून 2022 का शासनादेश साधारण परिस्थितियों में शत प्रतिशत रूप से दिव्यांग लिपिकों के स्थानांतरण को प्रतिबंधित करता है।
पूर्ण रूप से स्थायी दिव्यांग होने के कारण याची शासनादेश की परिधि में आता था। इसके बावजूद विभाग ने मनमाना आदेश कर उसे स्थानांतरित कर दिया। इसके अलावा याची की सेवानिवृत्ति में एक वर्ष से कम समय बचा है। याची के अधिवक्ता संतोष कुमार मिश्र को सुनने के बाद कोर्ट ने अपर शिक्षा निदेशक प्रयागराज के यहां से जारी स्थानांतरण आदेश पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा