शिक्षिका के तबादले पर सड़क पर उतरे छात्र
पूरे घटनाक्रम में राजनीति भी देख रहे हैं अधिकारी
इस पूरे मामले में अफसर सियासत का भी आंकलन कर रहे हैं। शिक्षकों की आपसी गुटबाजी की भी चर्चा है। इसमें कुछ मामला संबंधित गांव की सियासत भी देखा जा रहा है। बबिता मेहरोत्रा को पिछले साल दस अगस्त को हुसैनपुर छिरावली संभल से जीआईसी रतनपुर में प्रभारी प्रधानाचार्य बना कर भेजा गया था।
एक दिन पहले डींगरपुर मार्ग पर लगाया था जाम
जीआईसी के बच्चों ने एक दिन पहले पाकबड़ा डींगरपुर मार्ग पर जाम लगाया और हाथों में तख्तियां लेकर एक दिन पहले भी प्रदर्शन किया था। पुलिस ने समझा बुझा कर स्कूल लाई। लेकिन अगले दिन बुधवार को बच्चे पांच ट्रैक्टरों में बैठ कर कलेक्ट्रेट आ गए। लौटते समय पुलिस टीम भी उनके साथ लौटी।
मुझे तो जहां ज्वाइन करने का विभाग आदेश करेंगा वहां शिक्षा दूंगी। वहीं काम मैंने रतनपुर में किया यही काम हुसैनपुर में करूंगी। मेरे साथ अटैचमेंट के कारण बच्चों ने प्रदर्शन किया है। उन्हें भावनात्मक रूप से समझाने की कोशिश की जानी चाहिए। – बबिता मेहरोत्रा, पूर्व प्रभारी प्रधानाचार्य जीआईसी रतनपुर कला
मुरादाबाद,
पाकबडा क्षेत्र के रतनपुर कला जीआईसी के स्टूडेंट्स ने विज्ञान की शिक्षिका और कार्यकारी प्रधानाचार्य बबिता मेहरोत्रा के तबादले के विरोध में कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। हाथों में तख्तियां लेकर पहुंचे छात्र छात्राओं ने करीब आधा घंटे नारेबाजी की इससे हंगामे की स्थिति बन गई। अफसरों ने बमुश्किल छात्र-छात्राओं को समझा कर घर भेजा।
रतनपुर कला जीआईसी में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं बुधवार को पांच टैक्टरों से जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गए। वे बबिता मैडम का तबादला निरस्त करो, हमारे टीचर वापस करो के नारे लगा रहे थे। उन्होंने अपनी मांगों के बारे में तख्तियां भी ले रखी थी। वे नाराजगी जता रहे थे कि पहले उनकी अंग्रेजी की शिक्षक का तबादला हुआ और अब उनकी विज्ञान की शिक्षिका का तबादला कर दिया गया। इससे उनकी पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। वे अड़े हुए थे कि उन्हें अपनी मैम चाहिए, बस। एडीएम सिटी ने डीएम कक्ष में छात्र-छात्राओं को बुला कर सही निर्णय लेने का आश्वासन दिया।