फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में शिक्षा विभाग के तीन लिपिक जांच के दायरे में आ गए हैं। इनमें से एक से पुलिस की पूछताछ जारी है। जबकि, विभाग की ओर से दो लिपिकों सेे स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
जनपद के तीन राजकीय हाईस्कूलों में पांच फर्जी शिक्षकों की तैनाती के मामले में संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय के एक लिपिक की भी भूमिका सामने आई है। पड़ताल में सामने आया है कि इस लिपिक ने विद्यालयों की प्रधानाध्यापिकाओं को फोन कर शिक्षकों की ज्वाइनिंग कराने के लिए कहा था।
इतना ही नहीं, शिक्षकों की नियुक्ति के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय का कूटरचित पत्र शिक्षा विभाग में भी पहुंचा था। बावजूद, इसका सत्यापन करने की जहमत नहीं उठाई गई। बल्कि, पत्र को दबाए रखा गया। विभाग की ओर से लिपिक से स्पष्टीकरण मांगा गया है। वहीं, पुलिस भी लिपिक से प्रकरण को लेकर पूछताछ कर रही है।
जिसमें राजकीय बालिका हाईस्कूल वीरा की प्रधानाध्यापिका ऊषा पठवार, राजकीय हाईस्कूल खडौरा की प्रधानाध्यापिका प्रीति सागर व राजकीय हाईस्कूल बम्हौरी सुहागी की प्रधानाध्यापिका पूनम को विभाग ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जबकि, पांचों फर्जी शिक्षकों को गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेजा जा चुका है। वहीं, इस फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। वह आजमगढ़ में एक विद्यालय का संचालन करता है। नौकरी के एवज में उसने पांचों से छह से आठ लाख रुपये तक की वसूली की थी।
फर्जीवाड़े में उसकी संलिप्तता की पड़ताल की जा रही है। इसके अलावा जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के दो लिपिकों से भी विभाग ने स्पष्टीकरण मांगा है। बताया गया है कि निदेशालय का कूटरचित पत्र डीआईओएस ऑफिस भी पहुंचा था। यहां भी इसका सत्यापन नहीं किया गया। तीनों लिपिकों पर विभागीय कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
पोस्ट ऑफिस से आगे नहीं बढ़ी ज्वाइनिंग रिपोर्ट
फर्जी शिक्षकों की ज्वाइनिंग के बाद तीनों विद्यालयों की प्रधानाध्यापिकाओं ने ज्वाइनिंग रिपोर्ट निदेशालय भेजी थी। इसकी प्रतिलिपि विभाग के अन्य अधिकारियों को भी भेजी गई थी। लेकिन, निदेशालय में केवल एक की ही ज्वाइनिंग रिपोर्ट पहुंची थी, जिसके जरिये फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। जबकि, पड़ताल में सामने आया है कि बाकी चार फर्जी शिक्षकों की ज्वाइनिंग रिपोर्टों को प्रयागराज के एक डाकखाने में रुकवा लिया गया। यह रिपोर्ट निदेशालय पहुंचने ही नहीं दी गई
प्रधानाध्यापिकाओं ने खुद को बताया बेकसूर
फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में तीनों विद्यालयों की प्रधानाध्यापिकाओं को सोमवार को निलंबित कर दिया गया। वहीं, प्रधानाध्यापिकाओं ने खुद को बेकसूर बताया है। उनका कहना है कि उन्हें ज्वाइनिंग को लेकर निदेशालय का पत्र मिला था। शिक्षकों द्वारा लाए गए नियुक्ति पत्रों से विभागीय पत्र का मिलान कराने के बाद नियुक्ति करा दी गई और इसकी रिपोर्ट नियमानुसार विभाग को भी भेजी गई। बावजूद, उन्हें निलंबित कर दिया गया।